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         '''[[रक्षाबन्धन]]''' [[श्रावण]] [[मास]] की [[पूर्णिमा]] को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। यह भाई-बहन के प्रेम व रक्षा का पवित्र त्योहार है। सावन में मनाए जाने के कारण इसे सावनी या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबंधन का अर्थ है (रक्षा+बंधन) अर्थात किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना। इसीलिए [[राखी]] बांधते समय बहन कहती है- 'भैया! मैं तुम्हारी शरण में हूँ, मेरी सब प्रकार से रक्षा करना।' मध्यकालीन इतिहास में एक घटना के अनुसार [[चित्तौड़]] की हिन्दू [[रानी कर्णावती]] ने [[दिल्ली]] के [[मुग़ल]] बादशाह [[हमायूँ]] को अपना भाई मानकर उसके पास राखी भेजी थी। हुमायूँ ने उसकी राखी स्वीकार कर ली और उसके सम्मान की रक्षा के लिए [[गुजरात]] के बादशाह [[बहादुर शाह (गुजरात का सुल्तान)|बहादुरशाह]] से युद्ध किया। [[रक्षाबन्धन|... और पढ़ें]]
         '''[[रक्षाबन्धन]]''' [[श्रावण]] [[मास]] की [[पूर्णिमा]] को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। यह भाई-बहन के प्रेम व रक्षा का पवित्र त्योहार है। सावन में मनाए जाने के कारण इसे सावनी या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबंधन का अर्थ है (रक्षा+बंधन) अर्थात किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना। मध्यकालीन इतिहास में एक घटना के अनुसार [[चित्तौड़]] की हिन्दू [[रानी कर्णावती]] ने [[दिल्ली]] के [[मुग़ल]] बादशाह [[हुमायूँ]] को अपना भाई मानकर उसके पास राखी भेजी थी। हुमायूँ ने उसकी राखी स्वीकार कर ली और उसके सम्मान की रक्षा के लिए [[गुजरात]] के बादशाह [[बहादुर शाह (गुजरात का सुल्तान)|बहादुरशाह]] से युद्ध किया। [[रक्षाबन्धन|... और पढ़ें]]
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Revision as of 13:04, 17 July 2014

एक आलेख

        रक्षाबन्धन श्रावण मास की पूर्णिमा को पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। यह भाई-बहन के प्रेम व रक्षा का पवित्र त्योहार है। सावन में मनाए जाने के कारण इसे सावनी या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबंधन का अर्थ है (रक्षा+बंधन) अर्थात किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना। मध्यकालीन इतिहास में एक घटना के अनुसार चित्तौड़ की हिन्दू रानी कर्णावती ने दिल्ली के मुग़ल बादशाह हुमायूँ को अपना भाई मानकर उसके पास राखी भेजी थी। हुमायूँ ने उसकी राखी स्वीकार कर ली और उसके सम्मान की रक्षा के लिए गुजरात के बादशाह बहादुरशाह से युद्ध किया। ... और पढ़ें


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