अलबेरूनी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "विद्वान " to "विद्वान् ")
Line 21: Line 21:
|विद्यालय=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि=
|पुरस्कार-उपाधि=
|प्रसिद्धि=विद्वान लेखक, वैज्ञानिक, धर्मज्ञ तथा विचारक  
|प्रसिद्धि=विद्वान् लेखक, वैज्ञानिक, धर्मज्ञ तथा विचारक  
|विशेष योगदान=
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=
|नागरिकता=
Line 39: Line 39:
|अद्यतन=
|अद्यतन=
}}
}}
'''अलबेरूनी''' अथवा '''अल-बेरूनी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Al-Biruni'', जन्म- [[15 सितम्बर]], 973 ई., ख्वारिज़्म, पर्शिया; मृत्यु- [[13 दिसम्बर]], 1048 ई., [[ग़ज़नी]], [[अफ़ग़ानिस्तान]]) एक [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] विद्वान लेखक, वैज्ञानिक, धर्मज्ञ तथा विचारक था। वह 'रबीवा' का रहने वाला था। इसका जन्म 'ख्वारिज़्म' में हुआ था। 1017 ई. में ख्वारिज़्म को [[महमूद ग़ज़नवी]] द्वारा जीत लिया गया। सुल्तान महमूद ग़ज़नवी के सामने अलबेरूनी को एक क़ैदी के रूप में [[ग़ज़नी]] लाया गया था। उसकी विद्वत्ता से प्रभावित होकर महमूद ग़ज़नवी ने उसे अपने राज्य का 'राज ज्योतिष' नियुक्त कर दिया। अलबेरूनी ने '[[किताब-उल-हिन्द]]' नामक पुस्तक की भी रचना की थी। अलबरूनी [[अरबी भाषा|अरबी]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], तुर्की, [[संस्कृत]], गणित, खगोल का प्रमुख जानकर था।
'''अलबेरूनी''' अथवा '''अल-बेरूनी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Al-Biruni'', जन्म- [[15 सितम्बर]], 973 ई., ख्वारिज़्म, पर्शिया; मृत्यु- [[13 दिसम्बर]], 1048 ई., [[ग़ज़नी]], [[अफ़ग़ानिस्तान]]) एक [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] विद्वान् लेखक, वैज्ञानिक, धर्मज्ञ तथा विचारक था। वह 'रबीवा' का रहने वाला था। इसका जन्म 'ख्वारिज़्म' में हुआ था। 1017 ई. में ख्वारिज़्म को [[महमूद ग़ज़नवी]] द्वारा जीत लिया गया। सुल्तान महमूद ग़ज़नवी के सामने अलबेरूनी को एक क़ैदी के रूप में [[ग़ज़नी]] लाया गया था। उसकी विद्वत्ता से प्रभावित होकर महमूद ग़ज़नवी ने उसे अपने राज्य का 'राज ज्योतिष' नियुक्त कर दिया। अलबेरूनी ने '[[किताब-उल-हिन्द]]' नामक पुस्तक की भी रचना की थी। अलबरूनी [[अरबी भाषा|अरबी]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], तुर्की, [[संस्कृत]], गणित, खगोल का प्रमुख जानकर था।
[[चित्र:Al-Biruni-russian.jpg|thumb|left|अलबेरूनी के सम्मान में जारी [[डाक टिकट]]]]
[[चित्र:Al-Biruni-russian.jpg|thumb|left|अलबेरूनी के सम्मान में जारी [[डाक टिकट]]]]
==संक्षिप्त परिचय==
==संक्षिप्त परिचय==
Line 46: Line 46:
*सुल्तान महमूद ग़ज़नवी की सेना के साथ अलबेरूनी [[भारत]] आया और कई वर्षों तक [[पंजाब]] में रहा।
*सुल्तान महमूद ग़ज़नवी की सेना के साथ अलबेरूनी [[भारत]] आया और कई वर्षों तक [[पंजाब]] में रहा।
*उसका असली नाम 'अबू रैहान मुहम्मद' था, लेकिन वह ‘अलबेरूनी’ के नाम से ही अधिक प्रसिद्ध है, जिसका अर्थ होता है, ‘उस्ताद’।
*उसका असली नाम 'अबू रैहान मुहम्मद' था, लेकिन वह ‘अलबेरूनी’ के नाम से ही अधिक प्रसिद्ध है, जिसका अर्थ होता है, ‘उस्ताद’।
*वह बड़ा विद्वान था। भारत में रहकर उसने [[संस्कृत]] को बड़े ही प्रेमपूर्वक विषय के रूप में पढ़ा तथा [[हिन्दू]] दर्शन तथा दूसरे शास्त्रों का भी गहराई से अध्ययन किया।
*वह बड़ा विद्वान् था। भारत में रहकर उसने [[संस्कृत]] को बड़े ही प्रेमपूर्वक विषय के रूप में पढ़ा तथा [[हिन्दू]] दर्शन तथा दूसरे शास्त्रों का भी गहराई से अध्ययन किया।
*इसी अध्ययन के आधार पर उसने ‘तहकीक-ए-हिन्द’ (भारत की खोज) नामक पुस्तक की रचना की थी।
*इसी अध्ययन के आधार पर उसने ‘तहकीक-ए-हिन्द’ (भारत की खोज) नामक पुस्तक की रचना की थी।
*इस पुस्तक में हिन्दुओं के इतिहास, चरित्र, आचार-व्यवहार, परम्पराओं और वैज्ञानिक ज्ञान का विशद वर्णन किया गया है।
*इस पुस्तक में हिन्दुओं के इतिहास, चरित्र, आचार-व्यवहार, परम्पराओं और वैज्ञानिक ज्ञान का विशद वर्णन किया गया है।

Revision as of 14:20, 6 July 2017

अलबेरूनी
पूरा नाम अबु रेहान मुहम्मद बिन अहमद अल-बयरुनी
जन्म 15 सितम्बर, 973 ई.
जन्म भूमि ख्वारिज़्म, पर्शिया
मृत्यु 13 दिसम्बर, 1048 ई.
मृत्यु स्थान ग़ज़नी, अफ़ग़ानिस्तान
मुख्य रचनाएँ ‘दि क्रोनोलॉजी ऑफ़ एसेण्ट नेशन्स’ (पुरानी कौमों का इतिहास), 'तहकीक-ए-हिन्द', 'किताब-उल-हिन्द' आदि
भाषा अरबी, फ़ारसी, तुर्की, संस्कृत
प्रसिद्धि विद्वान् लेखक, वैज्ञानिक, धर्मज्ञ तथा विचारक
अन्य जानकारी अलबेरूनी को भारतीय इतिहास का पहला जानकार कहा जाता है।

अलबेरूनी अथवा अल-बेरूनी (अंग्रेज़ी: Al-Biruni, जन्म- 15 सितम्बर, 973 ई., ख्वारिज़्म, पर्शिया; मृत्यु- 13 दिसम्बर, 1048 ई., ग़ज़नी, अफ़ग़ानिस्तान) एक फ़ारसी विद्वान् लेखक, वैज्ञानिक, धर्मज्ञ तथा विचारक था। वह 'रबीवा' का रहने वाला था। इसका जन्म 'ख्वारिज़्म' में हुआ था। 1017 ई. में ख्वारिज़्म को महमूद ग़ज़नवी द्वारा जीत लिया गया। सुल्तान महमूद ग़ज़नवी के सामने अलबेरूनी को एक क़ैदी के रूप में ग़ज़नी लाया गया था। उसकी विद्वत्ता से प्रभावित होकर महमूद ग़ज़नवी ने उसे अपने राज्य का 'राज ज्योतिष' नियुक्त कर दिया। अलबेरूनी ने 'किताब-उल-हिन्द' नामक पुस्तक की भी रचना की थी। अलबरूनी अरबी, फ़ारसी, तुर्की, संस्कृत, गणित, खगोल का प्रमुख जानकर था। [[चित्र:Al-Biruni-russian.jpg|thumb|left|अलबेरूनी के सम्मान में जारी डाक टिकट]]

संक्षिप्त परिचय

  • अलबेरूनी द्वारा रचित कुल 14 पुस्तकों में 'किताब उल हिन्द' सबसे अधिक लोकप्रिय पुस्तक थी।
  • उसकी इस पुस्तक को दक्षिण एशिया के इतिहास का प्रमुख स्रोत माना जाता है।
  • सुल्तान महमूद ग़ज़नवी की सेना के साथ अलबेरूनी भारत आया और कई वर्षों तक पंजाब में रहा।
  • उसका असली नाम 'अबू रैहान मुहम्मद' था, लेकिन वह ‘अलबेरूनी’ के नाम से ही अधिक प्रसिद्ध है, जिसका अर्थ होता है, ‘उस्ताद’।
  • वह बड़ा विद्वान् था। भारत में रहकर उसने संस्कृत को बड़े ही प्रेमपूर्वक विषय के रूप में पढ़ा तथा हिन्दू दर्शन तथा दूसरे शास्त्रों का भी गहराई से अध्ययन किया।
  • इसी अध्ययन के आधार पर उसने ‘तहकीक-ए-हिन्द’ (भारत की खोज) नामक पुस्तक की रचना की थी।
  • इस पुस्तक में हिन्दुओं के इतिहास, चरित्र, आचार-व्यवहार, परम्पराओं और वैज्ञानिक ज्ञान का विशद वर्णन किया गया है।
  • इसमें मुसलमानों के आक्रमण के पहले के भारतीय इतिहास और संस्कृति का प्रामाणिक और अमूल्य विवरण मिलता है।
  • उसकी अनेक पुस्तकें अप्राप्य हैं, लेकिन जो मिलता है, उसमें सचाऊ द्वारा अंग्रेज़ी भाषा में अनूदित ‘दि क्रोनोलॉजी ऑफ़ एसेण्ट नेशन्स’ (पुरानी कौमों का इतिहास) उसकी विद्वत्ता को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख