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-ग्राम
-ग्राम
+प्रखंड
+प्रखंड
-जिला
-ज़िला
-क्षेत्र
-क्षेत्र
||पंचायती राज की त्रि-स्तरीय प्रणाली में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत समिति तथा जिला परिषद आते हैं जबकि प्रखंड इसमें सम्मिलित नहीं है।
||पंचायती राज की त्रि-स्तरीय प्रणाली में [[ग्राम पंचायत]], क्षेत्र पंचायत समिति तथा ज़िला परिषद आते हैं जबकि प्रखंड इसमें सम्मिलित नहीं है।


{भारत में क्षेत्रवाद के उदय का प्रमुख कारण है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-7
{भारत में क्षेत्रवाद के उदय का प्रमुख कारण है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-7
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-पृथक राज्यों की मांग
-पृथक राज्यों की मांग
+भाषा के आधार पर राज्यों का गठन व निर्माण
+भाषा के आधार पर राज्यों का गठन व निर्माण
||भारत में क्षेत्रवाद के उदय का प्रमुख कारण, भाषा के आधार पर राज्यों का गठन व निर्माण है। भाषावार प्रांतों के बनने के बाद भी इन प्रांतों के एक क्षेत्र के लोग दूसरे क्षेत्र के लोगों से काफी भिन्न है। इसलिए विभिन्न प्रांतों में क्षेत्रीय भावनाओं की संतुष्टि एवं क्षेत्रीय हितों के लिए आंदोलन होते रहते है।
||[[भारत]] में क्षेत्रवाद के उदय का प्रमुख कारण, भाषा के आधार पर राज्यों का गठन व निर्माण है। भाषावार प्रांतों के बनने के बाद भी इन प्रांतों के एक क्षेत्र के लोग दूसरे क्षेत्र के लोगों से काफी भिन्न है। इसलिए विभिन्न प्रांतों में क्षेत्रीय भावनाओं की संतुष्टि एवं क्षेत्रीय हितों के लिए आंदोलन होते रहते है।


{निम्न में से कौन प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धांत के प्रतिपादक हैं: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-19
{निम्न में से कौन प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धांत के प्रतिपादक हैं: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-19
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+अर्द्ध-संघवाद
+अर्द्ध-संघवाद
-प्राचीनतम संघवाद
-प्राचीनतम संघवाद
||भारतीय संघवाद को अर्द्धसंघवाद के रूप में विश्लेषित किया जाता है। के.सी. ह्वेयर ने अपनी पुस्तक 'माडर्न कांस्टिट्यूशंस' में भारतीय संघवाद को अर्द्धसंघीय प्रणाली कहा है। उच्चतम न्यायालय ने ऑटोमोबाइल ट्रांसपोर्ट में हमारे संविधान को परिसंघीय बताया है। केशवानन्द भारती वाद में परिसंघीय संरचना को आधारभूत लक्षण माना गया। 1983 में गठित सरकारिया आयोग (केंद्र-राज्य संबंधो पर) ने भी भारतीय संविधान को परिसंघीय माना है। अत: भारतीय संविधान परिसंघीय (अर्द्ध संघीय Quasi Federal) है। ज्ञातव्य है कि प्राचीनतम संघवाद का उदाहरण अमेरिका में मिलता है। वह संघवाद की जननी है।
||भारतीय संघवाद को अर्द्धसंघवाद के रूप में विश्लेषित किया जाता है। के.सी. ह्वेयर ने अपनी पुस्तक 'माडर्न कांस्टिट्यूशंस' में भारतीय संघवाद को अर्द्धसंघीय प्रणाली कहा है। उच्चतम न्यायालय ने ऑटोमोबाइल ट्रांसपोर्ट में हमारे संविधान को परिसंघीय बताया है। केशवानन्द भारती वाद में परिसंघीय संरचना को आधारभूत लक्षण माना गया। 1983 में गठित सरकारिया आयोग (केंद्र-राज्य संबंधो पर) ने भी [[भारतीय संविधान]] को परिसंघीय माना है। अत: भारतीय संविधान परिसंघीय (अर्द्ध संघीय Quasi Federal) है। ज्ञातव्य है कि प्राचीनतम संघवाद का उदाहरण अमेरिका में मिलता है। वह संघवाद की जननी है।


{संसदात्मक शासन प्रणाली में वैधानिक संप्रभु कौन होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-3
{संसदात्मक शासन प्रणाली में वैधानिक संप्रभु कौन होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-3
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-राष्ट्रपति
-[[राष्ट्रपति]]
+संसद
+[[संसद]]
-प्रधानमंत्री  
-[[प्रधानमंत्री]]
-न्यायपालिका
-[[न्यायपालिका]]
||संसदात्मक शासन प्रणाली में वैधानिक संप्रभु संसद होती है। इसका बेहतरीन उदाहरण ब्रिटेन की संसद की शक्तियां पर, कम से कम सिद्धांत रूप में कोई रोक नहीं हैं क्योंकि वहां पर कोई लिखित संविधान नहीं है। भारत के संविधान में संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न शक्तियां निहित करने के संबंध में कोई विशिष्ट उपबंध नहीं हैं। किंतु संविधान की उद्देशिका में यह कहकर कि 'हम, भारत के लोग, इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं', संविधान निर्माताओं स्पष्ट कर दिया कि संप्रभुता का वास भारत के लोगों में है।
||संसदात्मक शासन प्रणाली में वैधानिक संप्रभु संसद होती है। इसका बेहतरीन उदाहरण [[ब्रिटेन]] की संसद की शक्तियां पर, कम से कम सिद्धांत रूप में कोई रोक नहीं हैं क्योंकि वहां पर कोई लिखित संविधान नहीं है। [[भारत का संविधान|भारत के संविधान]] में संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न शक्तियां निहित करने के संबंध में कोई विशिष्ट उपबंध नहीं हैं। किंतु संविधान की उद्देशिका में यह कहकर कि 'हम, [[भारत]] के लोग, इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं', संविधान निर्माताओं स्पष्ट कर दिया कि संप्रभुता का वास भारत के लोगों में है।


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Revision as of 11:16, 2 December 2017

1 निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-7

भारत-संघात्मक
ऑस्ट्रेलिया-संघात्मक
अमेरिका-संघात्मक
ब्रिटेन-संघात्मक

2 निम्न में से कौन-सा पद केवल संसदात्मक शासन प्रणाली में ही पाया जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-2

राष्ट्रपति
उप-राष्ट्रपति
साम्राज्ञी
प्रधानमंत्री

3 चीन ने स्वीकार किया है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-105,प्रश्न-7

बहुदलीय पद्धति
द्विदलीय पद्धति
एक दलीय पद्धति
दल रहित पद्धति

4 थामस हेयर का नाम किस निर्वाचन पद्धति से जुड़ा है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-110,प्रश्न-4

आनुपातिक पद्धति से
एक सदस्यीय चुनाव क्षेत्र, सामान्य बहुमत पद्धति से
एक सदस्यी चुनाव क्षेत्र, विशिष्ट बहुमत पद्धति से
दलविहीन सूची पद्धति से

5 निम्न में से कौन-सी संस्था लोक शिकायतों से संबंधित नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-133,प्रश्न-28

योजना आयोग
लोकायुक्त
उच्चतम न्यायालय
उच्चतर न्यायालय

6 भारतीय संसद की समितियों में सबसे महत्त्वपूर्ण है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-139,प्रश्न-17

लोक लेखा समिति
प्राक्कलन समिति
सार्वजनिक उपक्रमों की समिति
अधीनस्थ विधायन की समिति

7 निम्नलिखित में से कौन पंचायती राज की स्थानीय स्व सरकार की तीन स्तरीय संरचना का एक संघटक नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-187,प्रश्न-7

ग्राम
प्रखंड
ज़िला
क्षेत्र

8 भारत में क्षेत्रवाद के उदय का प्रमुख कारण है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-7

पृथकतावाद
अल्पसंख्यको की स्थिति
पृथक राज्यों की मांग
भाषा के आधार पर राज्यों का गठन व निर्माण

9 निम्न में से कौन प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धांत के प्रतिपादक हैं: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-19

बेंथम
थामस पेन
बर्क
हॉब्स

10 भारतीय संघवाद के उदाहरण को सर्वोत्कृष्ट किस नाम से विश्लेषित किया जा सकता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-8

विशुद्ध संघवाद
शास्त्रीय संघवाद
अर्द्ध-संघवाद
प्राचीनतम संघवाद

11 संसदात्मक शासन प्रणाली में वैधानिक संप्रभु कौन होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-3

राष्ट्रपति
संसद
प्रधानमंत्री
न्यायपालिका