हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स: Difference between revisions
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यह ट्रेन पुराने रजवाड़ों के राजसी ठाठ-बाट के साथ यात्रियों को शाही | यह ट्रेन पुराने रजवाड़ों के राजसी ठाठ-बाट के साथ यात्रियों को शाही अंदाज़में सफर करवाने के लिए शुरू की गई थी। इस ट्रेन में वो कोच लगाए गए थे, जिनका इस्तेमाल पहले के महाराजाओं ने किया था। हालांकि बाद में [[1991]] में उन कोचों को बदल दिया गया। पैलेस ऑन व्हील्स का पहला फेरा [[1982]] में शुरू हुआ था। शुरू के सालों में यह बहुत लोकप्रिय रही, लेकिन पिछले कुछ सालों से इसका आकर्षण कम होता गया। साल [[2007]]-[[2008]] से [[2013]]-[[2014]] के बीच इस ट्रेन के यात्रियों की संख्या में 43 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इस ट्रेन को सबसे बड़ा झटका साल [[2015]] में लगा, जब बुकिंग के अभाव में इसका फेरा रद्द करना पड़ा। इस ट्रेन को अमेरिकी ट्रैवल मैगजीन कोन्डे नास्ट ने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पांच ट्रेनों में पांचवा स्थान दिया था।<ref>{{cite web |url=https://www.jagran.com/news/national-jagran-special-palace-on-wheels-swap-name-as-haritage-palace-on-wheels-17285394.html |title=नाम बदलकर फिर पटरी पर दौड़ा पुराना महल|accessmonthday=24 जनवरी|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=jagran.com |language=हिंदी}}</ref> | ||
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Revision as of 06:38, 10 February 2021
thumb|250px|हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स (अंग्रेज़ी: Heritage Palace on Wheels) शाही सवारी के लिये भारत की प्रसिद्ध रेल है। भारत की सर्वाधिक प्रसिद्ध वैभवपूर्ण ’पैलेस ऑन व्हील्स’ रेल का पुनरुत्थान किया गया है, जिसे अब ’हैरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स’ नाम दिया गया है। इस रेल की आन्तरिक सज्जा उत्कृष्ट है। इसके पुनरुत्थान से इसके वैभव और आरामदायक सुविधाओं में और अधिक बढ़ोतरी हुई है। हैरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स में सफर करने के लिए नया यात्राक्रम भी तैयार किया गया है। 29 दिसम्बर, 2017 से इस संशोधित यात्राक्रम की शुरूआत कर दी गई है।
यात्राक्रम-1
इस रेल का पहला यात्राक्रम ’गोल्डन ट्रायएंगल’ कहलाता है जो कि प्रारम्भिक मूल यात्राक्रम की ओर ही इशारा करता है। यह तीन दिन के विराम पर, भारत के तीन प्रमुख शहरों की सैर कराता है, जिसमें दिल्ली, जयपुर, सवाई माधोपुर, आगरा, दिल्ली मार्ग की यात्रा होगी।[1]
यात्राक्रम-2
thumb|left|250px|रेल की आंतरिक साजसज्जा यह दूसरा यात्राक्रम वास्तव में एक ऐसा परिवर्तित चार दिन का अभियान है जिसमें चार दिन की यात्रा पर अनदेखी, लीक से हटकर पर्यटन स्थलों की सैर के लिए ले जाया जाएगा। जिसमें चुरू, बीकानेर और धौलपुर के साथ-साथ आगरा, दिल्ली और जयपुर भी शामिल हैंं। चुरू में बस द्वारा नई, अनदेखी, अनजानी जगहों पर घुमाया जाएगा, जिसमें ताल छापर और रामगढ़ शामिल हैं। यदि यात्री छोटे ट्रिप करना पसन्द करते हैं तो यह यात्राक्रम उनके लिए आनन्द भरा होगा।
अनूठा अनुभव
शाही जीवन शैली जैसा अनूठा अनुभव देने वाली 'हेरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स' में सुविधाएं भी किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं हैं। सैलानियों को राजसी अनुभव कराने के लिए राजा-महाराजाओं की जीवन शैली पर शोध करवाया गया है और उसी के मुताबिक इसे तैयार किया गया है। इसमें पर्यटकों की आधुनिक सुख-सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान रखा गया है। लॉज, बार, महारानी रेस्त्रां जैसी सुविधाएं इस ट्रेन को खास बनाता है। ट्रेन के हर एक सैलून में टॉयलेट एवं वाशरूम को बेहतर बनाया गया है। सभी सैलून के फर्नीचर को नया रूप दिया गया है। इसके अलावा वुडन वॉल्स, बार और लॉन्ज एरिया को भी खास और नए लुक में तैयार किया गया है।
खास बात ये है कि सफर का आंनद उठाने के लिए पर्यटकों को अपनी जेब ज्यादा ढीली नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि यह ट्रेन गोल्डन ट्रायंगल पर पर्यटकों को कम पैसे में सफर कराएगी। विभाग के मुताबिक इस ट्रेन का किराया 650 डाॅलर से घटाकर 300 डाॅलर यानि 19200 रुपये प्रतिदन तय किया गया है।
पैलेस ऑन व्हील्स
यह ट्रेन पुराने रजवाड़ों के राजसी ठाठ-बाट के साथ यात्रियों को शाही अंदाज़में सफर करवाने के लिए शुरू की गई थी। इस ट्रेन में वो कोच लगाए गए थे, जिनका इस्तेमाल पहले के महाराजाओं ने किया था। हालांकि बाद में 1991 में उन कोचों को बदल दिया गया। पैलेस ऑन व्हील्स का पहला फेरा 1982 में शुरू हुआ था। शुरू के सालों में यह बहुत लोकप्रिय रही, लेकिन पिछले कुछ सालों से इसका आकर्षण कम होता गया। साल 2007-2008 से 2013-2014 के बीच इस ट्रेन के यात्रियों की संख्या में 43 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इस ट्रेन को सबसे बड़ा झटका साल 2015 में लगा, जब बुकिंग के अभाव में इसका फेरा रद्द करना पड़ा। इस ट्रेन को अमेरिकी ट्रैवल मैगजीन कोन्डे नास्ट ने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पांच ट्रेनों में पांचवा स्थान दिया था।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हैरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स (हिंदी) tourism.rajasthan.gov.in। अभिगमन तिथि: 24 जनवरी, 2020।
- ↑ नाम बदलकर फिर पटरी पर दौड़ा पुराना महल (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 24 जनवरी, 2020।
बाहरी कड़ियाँ
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