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*लगभग ई. पू. 100 में विदेशी शासकों की शक्ति बढ़ने लगी। [[मथुरा]] में इनका केन्द्र बना। यहाँ के राजा 'शक क्षत्रप' के नाम से जाने जाते हैं।
*लगभग ई. पू. 100 में विदेशी शासकों की शक्ति बढ़ने लगी। [[मथुरा]] में इनका केन्द्र बना। यहाँ के राजा 'शक क्षत्रप' के नाम से जाने जाते हैं।
*[[मथुरा]] के नागरिक शक-क्षत्रपों के समय सबसे पहले विदेशी सम्पर्क में आये पर जनता पर कुषाण शासन का प्रभाव स्थाई रुप से पड़ा।  
*[[मथुरा]] के नागरिक शक-क्षत्रपों के समय सबसे पहले विदेशी सम्पर्क में आये पर जनता पर कुषाण शासन का प्रभाव स्थाई रूप से पड़ा।  
*[[शक संवत]] पुराना भारतीय [[संवत]] है जो ई. 78 से शुरू होता है।  
*[[शक संवत]] पुराना भारतीय [[संवत]] है जो ई. 78 से शुरू होता है।  
*[[भारत]] में [[मौर्य काल|मौर्य]] और [[सातवाहन साम्राज्य|सातवाहन काल]] में शासन-वर्षों का ही प्रयोग होता था। संवतों का प्रयोग तिथि-निर्धारण के लिए कुषाण और शक काल से होने लगा है।  
*[[भारत]] में [[मौर्य काल|मौर्य]] और [[सातवाहन साम्राज्य|सातवाहन काल]] में शासन-वर्षों का ही प्रयोग होता था। संवतों का प्रयोग तिथि-निर्धारण के लिए कुषाण और शक काल से होने लगा है।  

Revision as of 11:39, 11 January 2011

[[चित्र:Shaka-Colaj.jpg|शक राज पुरुष
Saka King (Mastan)
राजकीय संग्रहालय, मथुरा|thumb|400px|thumb]]

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य
  • शक सम्भवतः उत्तरी चीन तथा यूरोप के मध्य स्थित विदेश झींगझियांग प्रदेश के निवासी थे।
  • कुषाणों एवं शकों का क़बीला एक ही माना गया था, किन्तु इन दोनों के कबीले अलग अलग थे।
  • लगभग ई. पू. 100 में विदेशी शासकों की शक्ति बढ़ने लगी। मथुरा में इनका केन्द्र बना। यहाँ के राजा 'शक क्षत्रप' के नाम से जाने जाते हैं।
  • मथुरा के नागरिक शक-क्षत्रपों के समय सबसे पहले विदेशी सम्पर्क में आये पर जनता पर कुषाण शासन का प्रभाव स्थाई रूप से पड़ा।
  • शक संवत पुराना भारतीय संवत है जो ई. 78 से शुरू होता है।
  • भारत में मौर्य और सातवाहन काल में शासन-वर्षों का ही प्रयोग होता था। संवतों का प्रयोग तिथि-निर्धारण के लिए कुषाण और शक काल से होने लगा है।
  • शक, मालव, गुप्त, हर्ष आदि संवतों का संबंध ऐतिहासिक घटनाओं से है। महाभारत में भी शकों का उल्लेख है।


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