अपभ्रंश चित्रकला: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "कागज़" to "काग़ज़")
m (Text replace - "काग़ज़ " to "काग़ज़ ")
Line 1: Line 1:
*अपभ्रंश शैली पश्चिम [[भारत]] में विकसित लघु चित्रों की [[चित्रकला]] शैली थी।  
*अपभ्रंश शैली पश्चिम [[भारत]] में विकसित लघु चित्रों की [[चित्रकला]] शैली थी।  
*अपभ्रंश शैली 11 वीं से 15 वीं शताब्दी के बीच प्रारम्भ में ताड़ पत्रों पर और बाद में काग़ज़ पर चित्रित हुई।  
*अपभ्रंश शैली 11 वीं से 15 वीं शताब्दी के बीच प्रारम्भ में ताड़ पत्रों पर और बाद में [[काग़ज़]] पर चित्रित हुई।  
*अपभ्रंश शैली के चित्रों की सर्वप्रमुख विशेषता है:- चेहरे की विशेष बनावट, नुकीली नाक तथा आभूषणों की अत्यधिक सज्जा।  
*अपभ्रंश शैली के चित्रों की सर्वप्रमुख विशेषता है:- चेहरे की विशेष बनावट, नुकीली नाक तथा आभूषणों की अत्यधिक सज्जा।  
*प्रारम्भ के चित्रों में [[जैन धर्म]] से सम्बंधित घटनाओं का चित्रण हुआ। परंतु बाद में [[वैष्णव धर्म]] से प्रभावित चित्र बनाये गये।  
*प्रारम्भ के चित्रों में [[जैन धर्म]] से सम्बंधित घटनाओं का चित्रण हुआ। परंतु बाद में [[वैष्णव धर्म]] से प्रभावित चित्र बनाये गये।  

Revision as of 14:32, 26 January 2011

  • अपभ्रंश शैली पश्चिम भारत में विकसित लघु चित्रों की चित्रकला शैली थी।
  • अपभ्रंश शैली 11 वीं से 15 वीं शताब्दी के बीच प्रारम्भ में ताड़ पत्रों पर और बाद में काग़ज़ पर चित्रित हुई।
  • अपभ्रंश शैली के चित्रों की सर्वप्रमुख विशेषता है:- चेहरे की विशेष बनावट, नुकीली नाक तथा आभूषणों की अत्यधिक सज्जा।
  • प्रारम्भ के चित्रों में जैन धर्म से सम्बंधित घटनाओं का चित्रण हुआ। परंतु बाद में वैष्णव धर्म से प्रभावित चित्र बनाये गये।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख