गोला गोकर्णनाथ: Difference between revisions
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- उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से बाईस मील की दूरी पर गोला गोकर्णनाथ नामक नगर है।
- यहाँ एक सरोवर है। जिसके समीप गोकर्णनाथ महादेव का विशाल मन्दिर है।
कथा
वराह पुराण में कथा है कि भगवान शंकर एक बार मृगरूप धारण करके यहाँ विचरण कर रहे थे। देवता उन्हें ढूँढते हुए आये और उनमें से ब्रह्मा, विष्णु तथा इन्द्र ने मृगरूप में शंकर को पहचान कर ले चलने के लिए उनकी सींग पकड़ी। मृगधारी शिव तो अंतर्ध्यान हो गए, केवल उनके तीन सींग देवताओं के हाथ में रह गए। उनमें से एक सींग देवताओं ने गोकर्णनाथ में स्थापित किया, दूसरा भागलपुर ज़िले (बिहार) के श्रंगेश्वर नामक स्थान में और तीसरा देवराज इन्द्र ने स्वर्ग में। इसके पश्चात स्वर्ग की वह मूर्ति रावण के द्वारा दक्षिण भारत के गोकर्ण तीर्थ में स्थापित कर दी गई। देवताओं के द्वारा स्थापित मूर्ति गोला गोकर्णनाथ में है। इसलिए यह पवित्र तीर्थ माना जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ