वैवस्वत मनु: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "यमुना" to "यमुना")
No edit summary
Line 22: Line 22:
*इला का विवाह बुध के साथ हुआ जिससे उसे [[पुरूरवा]] नामक पुत्र की प्राप्ति हुई। यही पुरूरवा प्रख्यात ऐल या [[चंद्र वंश]] का संस्थापक था।  कुछ विद्वान मनु और वैवस्वत मनु को एक ही मानते हैं।
*इला का विवाह बुध के साथ हुआ जिससे उसे [[पुरूरवा]] नामक पुत्र की प्राप्ति हुई। यही पुरूरवा प्रख्यात ऐल या [[चंद्र वंश]] का संस्थापक था।  कुछ विद्वान मनु और वैवस्वत मनु को एक ही मानते हैं।


[[Category:विविध]]  
[[Category:पौराणिक_कोश]]
[[Category:महाभारत]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 10:24, 15 April 2010

वैवस्वत / Vaivaswat Manu

  • महाभारत में 8 मनुओं का उल्लेख है। इनमें से वैवस्वत मनु का संबंध कामायनी के नायक से जोड़ा जा सकता है।
  • शतपथ ब्राह्मण में मनु को श्रद्धादेव कहकर संबोधित किया गया है।
  • भागवत में इन्हीं वैवस्वत मनु और श्रद्धा से मानवीय सृष्टि का प्रारंभ माना गया है।
  • श्वेत वराह कल्प में 14 मनुओं का उल्लेख है। प्रत्येक मनु ने एक मन्वंतर में राज किया। एक गणना के अनुसार इस धरती पर इस समय सातवाँ मन्वंतर चल रहा है। सूर्य के सबसे बड़े पुत्र का नाम था वैवस्वत मनु, जो उन्हें संज्ञा से प्राप्त हुआ था। इसके बाद संज्ञा से ही उन्हें जुड़वाँ संतान प्राप्त हुई थी- पुत्र यम तथा पुत्री यमुना
  • वैवस्वत मन्वंतर मनु के दस पुत्र और इला नाम की कन्या थी। प्रलय के समय एक मत्स्य द्वारा नाव में बैठाकर मनु को बचा लिया गया था। प्रलय की और एक पुरुष के बचने की कथा विश्व के सभी प्राचीन ग्रंथों में पाई जाती है। प्रलय के उपरांत मनु मानव जाति की प्रथम संतान के जनक हुए जो उन्हीं की हवि से उत्पन्न हुई थी।
  • भागवत के अनुसार मनु वैवस्वत दक्षिण देश का राजा था और उसका नाम सत्यव्रत था।
  • वैवस्वत मनु ने बड़ी प्रसिद्धि प्राप्त की। उन्होंने ही मानव संस्कृति को जन्म दिया और समन्वय की प्रवृत्ति की आधार शिला रखी।
  • वैवस्वत मनु को ही पृथ्वी का प्रथम राजा कहा जाता है। कुछ विद्वान प्रभु को प्रथम राजा मानते हैं।
  • वैवस्वत मनु के दस पुत्र हुए। उनके एक पुत्री भी थी इला, जो बाद में पुरुष बन गई।
  • इक्ष्वाकु वैवस्वत का पुत्र था। वैवस्वत ने सातवॉं मनु होकर शाश्वत कीर्ति कमायी।
  • वैवस्वत मनु ने स्वयं अयोध्या का निर्माण किया।
  • मनु के पुत्रों से इन राजवंशों की स्थापना हुई-
  1. इक्ष्वाकु,
  2. शर्याति,
  3. नाभानेदिष्ट नाभाग,
  4. धृष्ट,
  5. नरिष्यंत,
  6. करूष,
  7. पृषध्र और
  8. प्रांशु।
  • इला का विवाह बुध के साथ हुआ जिससे उसे पुरूरवा नामक पुत्र की प्राप्ति हुई। यही पुरूरवा प्रख्यात ऐल या चंद्र वंश का संस्थापक था। कुछ विद्वान मनु और वैवस्वत मनु को एक ही मानते हैं।