अथर्वा: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('{{पुनरीक्षण}} #सारे संसार में यक्षों की प्रथा चलाने-वा...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 16: | Line 16: | ||
[[Category: पौराणिक कोश]] | [[Category: पौराणिक कोश]] | ||
[[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]] | [[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]] | ||
[[Category:नया पन्ना]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 08:50, 4 July 2011
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
- सारे संसार में यक्षों की प्रथा चलाने-वाले ऋषि का नाम[1]। इनका ब्याह कर्दम ऋषि की पुत्री चित्ति से हुआ था। दधीचि इनका पुत्र था जिसका सिर घोड़े का था।[2]।
- एक ब्राह्मण पुरोहित का नाम जिसे महाराज युधिष्ठिर ने अपने राजसूय यज्ञ में बुलाया था[3]।
- लौकिकाग्नि-भृगु। दर्पहाके पिता। यह दध्यङ्डाथर्वणकी श्रेणीका है[4]।
- एक ऋषि, जो ब्रह्मा के पुत्र कहे जाते हैं। ये अग्नि को स्वर्ग़ से पृथ्वी पर लाए थे।
|
|
|
|
|