पृथ्वी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
शिल्पी गोयल (talk | contribs) No edit summary |
No edit summary |
||
Line 13: | Line 13: | ||
*पृथ्वी कि उत्पत्ति 4.6 अरब वर्ष पूर्व हुई थी. जिसका 70.8 % भाग जलीय ओर 29.2 % भाग स्थलीय है। | *पृथ्वी कि उत्पत्ति 4.6 अरब वर्ष पूर्व हुई थी. जिसका 70.8 % भाग जलीय ओर 29.2 % भाग स्थलीय है। | ||
*इसका अक्ष इसकी कक्षा के सापेक्ष 66.5º का कोण बनाता है। | *इसका अक्ष इसकी कक्षा के सापेक्ष 66.5º का कोण बनाता है। | ||
*सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का [[ | *सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का [[तारा]] [[प्रॉक्सीमा सिंटोरी]] है, जो अल्फा सिंटोरी समूह का एक तारा है। यह पृथ्वी से 4.22 प्रकाश वर्ष दूर है। | ||
*पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह [[चन्द्रमा ग्रह|चन्द्रमा]] है। | *पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह [[चन्द्रमा ग्रह|चन्द्रमा]] है। | ||
==पृथ्वी देवी== | ==पृथ्वी देवी== |
Revision as of 05:52, 21 July 2011
चित्र:Disamb2.jpg पृथ्वी | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- पृथ्वी (बहुविकल्पी) |
- यह आकार में 5वां सबसे बड़ा ग्रह है और सूर्य से दूरी के क्रम में तीसरा ग्रह है।
- इस ग्रह को अंग्रेज़ी में Earth कहते हैं।
- यह सौरमण्डल का एकमात्र ग्रह है, जिस पर जीवन है।
- इसका विषुवतीय / भूमध्यरेखीय व्यास 12,756 किलोमीटर और ध्रुवीय व्यास 12,714 किलोमीटर है।
- पृथ्वी अपने अक्ष पर 23 1º/2 झुकी हुई है।
- यह अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1610 किलोमीटर प्रतिघंटा की चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सकेण्ड में एक चक्कर पूरा करती है। पृथ्वी की इस गति को घूर्णन या दैनिक गति कहते हैं। इस गति से ही दिन व रात होते हैं।
- पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकेण्ड (लगभग 365 दिन व 6 घंटे) का समय लगता है। सूर्य के चातुर्दिक पृथ्वी के इस परिक्रमा को पृथ्वी की वार्षिक गति अथवा परिक्रमण कहते हैं। पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में लगे समय को सौर वर्ष कहा जाता है। प्रत्येक सौर वर्ष, कैलंडर वर्ष से लगभग 6 घंटा बढ़ जाता है। जिसे हर चौथे वर्ष में लीप वर्ष बनाकर समायोजित किया जाता है। लीप वर्ष 366 दिन का होता है। जिसके कारण फ़रवरी माह में 28 दिन के स्थान पर 29 दिन होते हैं।
- पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन, इसकी कक्षा पर झुके होने के कारण तथा सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति में परिवर्तन यानि वार्षिक गति के कारण होती है। वार्षिक गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन–रात छोटा–बड़ा होता है।
- आकार एवं बनावट की दृष्टि से पृथ्वी शुक्र के समान है।
- जल की उपस्थिति तथा अंतरिक्ष से नीला दिखाई देने के कारण इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है।
- पृथ्वी कि उत्पत्ति 4.6 अरब वर्ष पूर्व हुई थी. जिसका 70.8 % भाग जलीय ओर 29.2 % भाग स्थलीय है।
- इसका अक्ष इसकी कक्षा के सापेक्ष 66.5º का कोण बनाता है।
- सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का तारा प्रॉक्सीमा सिंटोरी है, जो अल्फा सिंटोरी समूह का एक तारा है। यह पृथ्वी से 4.22 प्रकाश वर्ष दूर है।
- पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है।
पृथ्वी देवी
मुख्य लेख : पृथ्वी देवी
पुराकाल में अंगिराओं ने आदित्यों को यजन कराया। आदित्यों ने उन्हें दक्षिणास्वरूप संपूर्ण पृथ्वी प्रदान कीं दोपहर के समय दक्षिणास्वरूप प्रदत्त पृथ्वी ने अंगिराओं को परितप्त कर दिया, अत: उन्होंने उसका त्याग कर दिया। उसने (पृथ्वी ने) क्रुछ होकर सिंह का रूप धारण किया तथा वह मनुष्यों को खाने लगी। उससे भयभीत होकर मनुष्य भागने लगे। उनके भाग जाने से क्षुधाग्नि में संतप्त भूमि में प्रदर (लंबे गड्ढे तथा खाइयां) पड़ गये। इस घटना से पूर्व पृथ्वी समतल थी।
|
|
|
|
|