अजा: Difference between revisions
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*रक्त-शुक्ल-कृष्ण वर्ण वाली, बहुत प्रजाओं का सर्जन करने वाली, सुन्दर स्वरूप युक्त अजा का एक पुरुष सेवन करता तथा दूसरा अज पुरुष इसका उपभोग करके इसे छोड़ देता है। | *रक्त-शुक्ल-कृष्ण वर्ण वाली, बहुत प्रजाओं का सर्जन करने वाली, सुन्दर स्वरूप युक्त अजा का एक पुरुष सेवन करता तथा दूसरा अज पुरुष इसका उपभोग करके इसे छोड़ देता है। | ||
==शाब्दिक अर्थ== | ==शाब्दिक अर्थ== |
Revision as of 12:06, 27 July 2011
- अजा का अर्थ है 'जिसका जन्म न हो'। प्रकृति अथवा आदि शक्ति के अर्थ में इसका प्रयोग होता है।
- 'सांख्यतत्त्वकौमुदी' मैं कहा गया है: 'रक्त, शुक्ल और कृष्ण-वर्ण की एक अजा (प्रकृति) को नमस्कार करता हूँ।'
- पुराणों में माया के लिए अजा का शब्द प्रयोग हुआ है।
- उपनिषदों में अजा का निम्नांकित वर्णन है:
अजामेकां लोहितकृष्णशुक्लां
बह्वी: प्रजा: सृजमानां सरूपाम्।
अजो ह्वोको जुषमाणोसनुशेते
जहात्येनां भुक्त-भोगामजोसन्य:॥[1]
- रक्त-शुक्ल-कृष्ण वर्ण वाली, बहुत प्रजाओं का सर्जन करने वाली, सुन्दर स्वरूप युक्त अजा का एक पुरुष सेवन करता तथा दूसरा अज पुरुष इसका उपभोग करके इसे छोड़ देता है।
शाब्दिक अर्थ
हिन्दी | जिसका जन्म न हुआ हो, अजन्मी, अनादि, नित्य, बकरी, सांख्य के अनुसार प्रकृति या माया, दुर्गा। |
-व्याकरण | विशेषण, स्त्रीलिंग |
-उदाहरण | |
-विशेष | |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | |
संस्कृत | अज+टाप् |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | |
संबंधित लेख |
अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ श्वेताश्वतर4.5)