संविधान संशोधन- 53वाँ: Difference between revisions
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*इसके लिए नया अनुच्छेद 371-G संविधान में जोड़ा गया है, जिसमें अन्य बातों के अलावा, मिजो लोगों के धार्मिक और सामाजिक रीति-रिवाजों, परंपरागत | *इसके लिए नया अनुच्छेद 371-G संविधान में जोड़ा गया है, जिसमें अन्य बातों के अलावा, मिजो लोगों के धार्मिक और सामाजिक रीति-रिवाजों, परंपरागत क़ानून और विधि के संबंध में संसद द्वारा क़ानून बनाने की मनाही दीवानी तथा फौजदारी संबंधी मामलों, जिन पर मिजो लोगों के परंपरागत क़ानून के अनुसार निर्णय लिया जाता है तथा जमीन के स्वामित्व और हस्तांतरण के बारे में भी तब तक संसदीय क़ानून लागू नहीं होगा जब तक मिजोरम की विधानसभा इसे मंजूरी नहीं दे देती। लेकिन यह धारा मिजोरम राज्य में संशोधन के जारी होने से पहले से लागू होने वाले केंद्रीय क़ानूनों पर लागू नहीं होगी। | ||
*नई धारा में यह भी व्यवस्था है कि मिजोरम विधानसभा में कम-से-कम 40 सदस्य होंगे। | *नई धारा में यह भी व्यवस्था है कि मिजोरम विधानसभा में कम-से-कम 40 सदस्य होंगे। | ||
Revision as of 11:59, 10 September 2011
भारत का संविधान (53वाँ संशोधन) अधिनियम,1986
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- यह भारत सरकार और मिजोरम सरकार द्वारा मिजोरम नेशनल फ्रंट के साथ 30 जून 1986 को हुए मिजोरम समझौते को लागू करने के लिए बनाया गया है।
- इसके लिए नया अनुच्छेद 371-G संविधान में जोड़ा गया है, जिसमें अन्य बातों के अलावा, मिजो लोगों के धार्मिक और सामाजिक रीति-रिवाजों, परंपरागत क़ानून और विधि के संबंध में संसद द्वारा क़ानून बनाने की मनाही दीवानी तथा फौजदारी संबंधी मामलों, जिन पर मिजो लोगों के परंपरागत क़ानून के अनुसार निर्णय लिया जाता है तथा जमीन के स्वामित्व और हस्तांतरण के बारे में भी तब तक संसदीय क़ानून लागू नहीं होगा जब तक मिजोरम की विधानसभा इसे मंजूरी नहीं दे देती। लेकिन यह धारा मिजोरम राज्य में संशोधन के जारी होने से पहले से लागू होने वाले केंद्रीय क़ानूनों पर लागू नहीं होगी।
- नई धारा में यह भी व्यवस्था है कि मिजोरम विधानसभा में कम-से-कम 40 सदस्य होंगे।
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