राजुकु: Difference between revisions
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Revision as of 07:20, 25 September 2011
राजुकु या 'रज्जुक' सम्भवत: अशोक के एक अधिकारी वर्ग का नाम था। रज्जुक लोग सम्भवत: एक एक ज़िले के अधिकारी रहते थे।[1] अशोक के अभिलेखों में कई अधिकारियों का उल्लेख मिलता है। जैसे राजुकु, प्रादेशिक, युक्त आदि। इनमें अधिकांश राज्याधिकारी चंद्रगुप्त के समय से चले आ रहे थे। अशोक ने धार्मिक नीति तथा प्रजा के कल्याण की भावना से प्रेरित होकर उनके कर्तव्यों में विस्तार किया। केवल धम्म महामात्रों की नियुक्ति एक नवीन प्रकार की नियुक्ति थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भट्ट, जनार्दन अशोक के धर्मलेख (हिंदी)। नई दिल्ली: प्रकाशन विभाग, 120।