वास्तुशास्त्र चक्र: Difference between revisions

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सूतजी कहते हैं— ऋषियो! अब मैं गृह निर्माण के उस समय का निर्णय बतला रहा हूँ, जिस शुभ समय को जानकर मनुष्य को सर्वदा भवन का आरम्भ करना चाहिये। जो मनुष्य  
सूतजी कहते हैं— ऋषियो! अब मैं गृह निर्माण के उस समय का निर्णय बतला रहा हूँ, जिस शुभ समय को जानकर मनुष्य को सर्वदा भवन का आरम्भ करना चाहिये। जो मनुष्य  

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सूतजी कहते हैं— ऋषियो! अब मैं गृह निर्माण के उस समय का निर्णय बतला रहा हूँ, जिस शुभ समय को जानकर मनुष्य को सर्वदा भवन का आरम्भ करना चाहिये। जो मनुष्य

  1. चैत्र मास में घर बनाता है, वह व्याधि,
  2. वैशाख में घर बनाने वाला धेनु और रत्न तथा
  3. ज्येष्ठ में मृत्यु को प्राप्त होता है।
  4. आषाढ़ में नौकर, रत्न और पशु समूह की और
  5. श्रावण में नौकरों की प्राप्ति तथा
  6. भाद्रपद में हानि होती है।
  7. आश्विन में घर बनाने से पत्नी का नाश होता है।
  8. कार्तिक मास में धन-धान्यादि की तथा
  9. मार्गशीर्ष में श्रेष्ठ भोज्यपदार्थों की प्राप्ति होती है।
  10. पौष में चोरों का भय और
  11. माघ मास में अनेक प्रकार के लाभ होते हैं, किन्तु अग्नि का भी भय रहता है।
  12. फाल्गुन में सुवर्ण तथा अनेक पुत्रों की प्राप्ति होती है। इस प्रकार समय का फल एवं बल बतलाया जाता है।



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