जैन सुप्रीति संस्कार: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:जैन धर्म कोश" to "Category:जैन धर्मCategory:जैन धर्म कोश") |
No edit summary |
||
Line 14: | Line 14: | ||
}} | }} | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{ | {{संस्कार}} | ||
[[Category:जैन धर्म]][[Category:जैन धर्म कोश]] | [[Category:जैन धर्म]][[Category:जैन धर्म कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 09:21, 4 December 2011
- यह संस्कार जैन धर्म के अंतर्गत आता है।
- इसे सुप्रीति अथवा पुंसवन संस्कार क्रिया भी कहते हैं।
- यह संस्कार गर्भ के पाँचवें माह में किया जाता है।
- इसमें भी प्रीतिक्रिया के समान सौभाग्यवती स्त्रियाँ उस गर्भिणी को स्नान के बाद वस्त्राभूषणों से तथा चन्दन आदि से सुसज्जित कर मंगलकलश लेकर वेदी के समीप लाएं और स्वस्तिक पर मंगलकलश रखकर, लाल-वस्त्राच्छादित पाटे पर दम्पति को बैठा दें।
- इस समय घर पर सिन्दूर तथा अँजन (काजल) भी अवश्य लगाना चाहिए।
- प्रथम क्रिया की तरह यथाविधि दर्शन, पूजन एवं हवन इसमें भी किया जाता है।
|
|
|
|
|