भारत के राजनीतिक दल: Difference between revisions

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{{पुनरीक्षण}}लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के अन्तर्गत राजनीतिक दल का अत्यधिक महत्त्व है क्योंकि इस व्यवस्था के अन्तर्गत सरकारों का गठन उस राजनीतिक दल द्वारा ही किया जाता है, जो चुनाव में बहुमत प्राप्त प्राप्त करता है। [[लोकसभा]] के चुनाव में बहुमत प्राप्त करने वाला दल केन्द्र में सरकार बनाता है तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव में बहुमत प्राप्त करने वाला राज्यों में सरकार का गठन करता है। [[भारत]] में वास्तविक अर्थ में राजनीतिक दल का गठन 1885 में हुआ, जब [[कांग्रेस]] अस्तित्त्व में आयी। स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान कई राजनीतिक दलों का गठन हुआ, लेकिन उनका अस्तित्त्व न के बराबर रहा। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भी क़रीब 1967 तक सम्पूर्ण भारत में कांग्रेस का ही प्रभुत्त्व रहा, लेकिन 1967 में कांग्रेस को अनेक राज्यों की की विधानसभाओं के चुनाव में बहुमत नहीं प्राप्त हुआ तथा 1977 में पाँच दलों के विलय से गठित जनता पार्टी ने कांग्रेस को केन्द्र से भी सत्ता से हटा दिया लेकिन जनता पार्टी में आपसी मतभेद के कारण कांग्रेस पुन: केन्द्र में सत्तारूढ़ हुई। वी.पी. सिंह द्वारा कांग्रेसी [[प्रधानमंत्री]] पर लगाये गये आरोप के कारण कांग्रेस दिसम्बर, 1989 से जून, 1991 तक भी केन्द्र में सत्तारूढ़ नहीं रही लेकिन जून, 1991 से मई 1996 तक पुन: केन्द्र में सत्तारूढ़ रही।  
{{पुनरीक्षण}}लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के अन्तर्गत राजनीतिक दल का अत्यधिक महत्त्व है क्योंकि इस व्यवस्था के अन्तर्गत सरकारों का गठन उस राजनीतिक दल द्वारा ही किया जाता है, जो चुनाव में बहुमत प्राप्त प्राप्त करता है। [[लोकसभा]] के चुनाव में बहुमत प्राप्त करने वाला दल केन्द्र में सरकार बनाता है तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव में बहुमत प्राप्त करने वाला राज्यों में सरकार का गठन करता है। [[भारत]] में वास्तविक अर्थ में राजनीतिक दल का गठन 1885 में हुआ, जब [[कांग्रेस]] अस्तित्त्व में आयी। स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान कई राजनीतिक दलों का गठन हुआ, लेकिन उनका अस्तित्त्व न के बराबर रहा। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भी क़रीब 1967 तक सम्पूर्ण भारत में कांग्रेस का ही प्रभुत्त्व रहा, लेकिन 1967 में कांग्रेस को अनेक राज्यों की की विधानसभाओं के चुनाव में बहुमत नहीं प्राप्त हुआ तथा 1977 में पाँच दलों के विलय से गठित जनता पार्टी ने कांग्रेस को केन्द्र से भी सत्ता से हटा दिया लेकिन जनता पार्टी में आपसी मतभेद के कारण कांग्रेस पुन: केन्द्र में सत्तारूढ़ हुई। वी.पी. सिंह द्वारा कांग्रेसी [[प्रधानमंत्री]] पर लगाये गये आरोप के कारण कांग्रेस दिसम्बर, 1989 से जून, 1991 तक भी केन्द्र में सत्तारूढ़ नहीं रही लेकिन जून, 1991 से मई 1996 तक पुन: केन्द्र में सत्तारूढ़ रही।  
==पंजीकरण==
==पंजीकरण==
राजनीतिक दलों का पंजीकरण निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है और पंजीकृत राजनीतिक दलों, चाहे राष्ट्रीय स्तर के हों या राज्य-स्तर के हों, को आरक्षित चुनाव चिन्ह आबंटित किया जाता है। 1952 में निर्वाचन आयोग द्वारा 14 दलों को राष्ट्रीय दल के रूप में तथा 60 दलों को राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता दी गयी थी। 30 सिंतबर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और जनता दल (सेकुलर) का राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा समाप्त करने के निर्णय के कारण यह संख्या घटकर क्रमश: 4 और 48 हो गयी। बाद में 1 दिसम्बर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन), 1968 में संशोधन की घोषण करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी को राष्ट्रीय दल की मान्यता प्रदान कर दी। इस प्रकार वर्तमान में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 5 और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल की संख्या 47 हो गई है। इनके अतिरिक्त भारत में पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त 612 राजनीतिक दल हैं।  
राजनीतिक दलों का पंजीकरण निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है और पंजीकृत राजनीतिक दलों, चाहे राष्ट्रीय स्तर के हों या राज्य-स्तर के हों, को आरक्षित चुनाव चिह्न आबंटित किया जाता है। 1952 में निर्वाचन आयोग द्वारा 14 दलों को राष्ट्रीय दल के रूप में तथा 60 दलों को राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता दी गयी थी। 30 सिंतबर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और जनता दल (सेकुलर) का राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा समाप्त करने के निर्णय के कारण यह संख्या घटकर क्रमश: 4 और 48 हो गयी। बाद में 1 दिसम्बर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन), 1968 में संशोधन की घोषण करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी को राष्ट्रीय दल की मान्यता प्रदान कर दी। इस प्रकार वर्तमान में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 5 और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल की संख्या 47 हो गई है। इनके अतिरिक्त भारत में पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त 612 राजनीतिक दल हैं।  
==मान्यता==
==मान्यता==
राजनीतिक दलों को मान्यता निर्वाचन आयोग द्वारा इसके लिए घोषित "निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण और आबंटन) आदेश, 1968 के अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार प्रदान की जाती है। जो राजनीतिक दल मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में अपना पंजीकरण कराना चाहता है वह इसके लिए आयोग के समक्ष आवेदन करता है।   
राजनीतिक दलों को मान्यता निर्वाचन आयोग द्वारा इसके लिए घोषित "निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण और आबंटन) आदेश, 1968 के अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार प्रदान की जाती है। जो राजनीतिक दल मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में अपना पंजीकरण कराना चाहता है वह इसके लिए आयोग के समक्ष आवेदन करता है।   

Revision as of 11:00, 1 March 2012

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लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के अन्तर्गत राजनीतिक दल का अत्यधिक महत्त्व है क्योंकि इस व्यवस्था के अन्तर्गत सरकारों का गठन उस राजनीतिक दल द्वारा ही किया जाता है, जो चुनाव में बहुमत प्राप्त प्राप्त करता है। लोकसभा के चुनाव में बहुमत प्राप्त करने वाला दल केन्द्र में सरकार बनाता है तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव में बहुमत प्राप्त करने वाला राज्यों में सरकार का गठन करता है। भारत में वास्तविक अर्थ में राजनीतिक दल का गठन 1885 में हुआ, जब कांग्रेस अस्तित्त्व में आयी। स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान कई राजनीतिक दलों का गठन हुआ, लेकिन उनका अस्तित्त्व न के बराबर रहा। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भी क़रीब 1967 तक सम्पूर्ण भारत में कांग्रेस का ही प्रभुत्त्व रहा, लेकिन 1967 में कांग्रेस को अनेक राज्यों की की विधानसभाओं के चुनाव में बहुमत नहीं प्राप्त हुआ तथा 1977 में पाँच दलों के विलय से गठित जनता पार्टी ने कांग्रेस को केन्द्र से भी सत्ता से हटा दिया लेकिन जनता पार्टी में आपसी मतभेद के कारण कांग्रेस पुन: केन्द्र में सत्तारूढ़ हुई। वी.पी. सिंह द्वारा कांग्रेसी प्रधानमंत्री पर लगाये गये आरोप के कारण कांग्रेस दिसम्बर, 1989 से जून, 1991 तक भी केन्द्र में सत्तारूढ़ नहीं रही लेकिन जून, 1991 से मई 1996 तक पुन: केन्द्र में सत्तारूढ़ रही।

पंजीकरण

राजनीतिक दलों का पंजीकरण निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है और पंजीकृत राजनीतिक दलों, चाहे राष्ट्रीय स्तर के हों या राज्य-स्तर के हों, को आरक्षित चुनाव चिह्न आबंटित किया जाता है। 1952 में निर्वाचन आयोग द्वारा 14 दलों को राष्ट्रीय दल के रूप में तथा 60 दलों को राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता दी गयी थी। 30 सिंतबर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और जनता दल (सेकुलर) का राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा समाप्त करने के निर्णय के कारण यह संख्या घटकर क्रमश: 4 और 48 हो गयी। बाद में 1 दिसम्बर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन), 1968 में संशोधन की घोषण करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी को राष्ट्रीय दल की मान्यता प्रदान कर दी। इस प्रकार वर्तमान में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 5 और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल की संख्या 47 हो गई है। इनके अतिरिक्त भारत में पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त 612 राजनीतिक दल हैं।

मान्यता

राजनीतिक दलों को मान्यता निर्वाचन आयोग द्वारा इसके लिए घोषित "निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण और आबंटन) आदेश, 1968 के अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार प्रदान की जाती है। जो राजनीतिक दल मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में अपना पंजीकरण कराना चाहता है वह इसके लिए आयोग के समक्ष आवेदन करता है।

भारत में प्रमुख राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दल

भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस

thumb|250px|भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का ध्वज

  • भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस भारत का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है।
  • इस दल की वर्तमान अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी है।
  • कांग्रेस दल का युवा संगठन, भारतीय युवा कांग्रेस है।
  • इस दल की स्थापना 1885 में हुई थी।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

  • प्रसिद्ध साम्यवादी नेता एम. एन. राय की प्रेरणा से 26 दिसम्बर, 1925 को भारत में कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना हुई।
  • राय की सलाह से कम्युनिस्ट पार्टी को कम्युनिस्ट इण्टरनेशनल की शाखा मान लिया गया और वर्ष 1928 में कम्युनिस्ट इण्टरनेशनल ने ही भारत में कम्युनिस्ट पार्टी की कार्य प्रणाली निश्चित की।

भारतीय जनता पार्टी

  • पुर्नगठित जनसंघ के रूप में भारतीय जनता पार्टी का गठन 6 अप्रैल, 1980 को सम्पन्न हुआ और इसके प्रथम अध्यक्ष के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी को चुना गया।
  • इस दल में अधिकांश सदस्य भूतपूर्व जनसंघ, जिसका 1977 में जनता पार्टी में विलय हो गया था, के शामिल हुए ही, साथ में कुछ गैर जनसंघी भी इसमें शामिल हुए।

जनता दल

  • जनता दल का गठन अक्टूबर, 1988 में जनता पार्टी, लोकदल (ब) और जनमोर्चा के विलय के परिणामस्वरूप हुआ।
  • 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में इस दल ने अन्य दलों के समर्थन के साथ केन्द्र में सरकार का गठन किया।

मुस्लिम लीग

  • मुस्लिम लीग का मूल नाम अखिल भारतीय मुस्लिम लीग था।
  • यह एक राजनीतिक समूह था, जिसने ब्रिटिश भारत के विभाजन (1947) से निर्मित एक अलग मुस्लिम राष्ट्र के लिए आन्दोलन चलाया।
  • मुस्लिम लीग की स्थापना भारतीय मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के लिए दिसम्बर, 1906 में हुई।


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