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==विश्व शांति दिवस==
==शाकम्भरी==
'''विश्व शांति दिवस''' [[1 जनवरी]] को मनाया जाता है। विश्व शांति दिवस सभी देशों और लोगों के बीच स्वतंत्रता, शांति और खुशी का एक आदर्श माना जाता है।  
'''शाकम्भरी''' [[दुर्गा]] के अवतारों में एक हैं। दुर्गा सभी अवतारों में से रक्तदंतिका,भीमा, भ्रामरी, शताक्षी तथा शाकंभरी प्रसिद्ध हैं।
*विश्व शांति दिवस पूरी [[पृथ्वी]] पर अहिंसा स्थापित करने के लिए बनाया गया है।
====कथा====
*विश्व शांति शब्द का उपयोग सभी देशों और व्यक्तियों के बीच दुश्मनी को खत्म करने और स्वतंत्रता, शांति और खुशी को बनाने के लिए करा जाता है।
एक बार [[पृथ्वी]] पर लगातार सौ [[वर्ष]] तक [[वर्षा]] न हुई। तब अन्न-[[जल]] के अभाव में समस्त प्रजा मरने लगी। इस कारण चारों ओर हाहाकार मच गया। समस्त जीव भूख से व्याकुल होकर मरने लगे। उस समय समस्त मुनियों ने मिलकर देवी [[दुर्गा|भगवती]] की उपासना की। जिससे दुर्गा जी ने शाकम्भरी नाम से स्त्री रूप में अवतार लिया और उनकी कृपा से वर्षा हुई। इस अवतार में महामाया ने जलवृष्टि से पृथ्वी को हरी [[शाक-सब्ज़ी]] और [[फल|फलों]] से परिपूर्ण कर दिया। जिससे पृथ्वी के समस्त जीवों को जीवनदान प्राप्त हुआ।
==शाकम्भरी जयंती==
'''शाकम्भरी जयंती''' [[3 जनवरी]] को देवी शाकम्भरी की याद में मनायी जाती है।  
*देवी शाकम्भरी [[दुर्गा]] के अवतारों में एक हैं।
*ऐसी मान्यता है कि माँ शाकम्भरी मानव के कल्याण के लिये इसी दिन धरती पर आयी थी।


==नया साल दिवस==
==नया साल दिवस==
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*बेबीलोन में 4000 वर्ष पहले नया साल [[21 मार्च]] को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी।
*बेबीलोन में 4000 वर्ष पहले नया साल [[21 मार्च]] को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी।
*सब देशों में नया साल 1 जनवरी और [[भारत]] के भिन्न-भिन्न हिस्सों में [[नववर्ष]] अलग-अलग तिथियों के अनुसार मनाया जाता है।
*सब देशों में नया साल 1 जनवरी और [[भारत]] के भिन्न-भिन्न हिस्सों में [[नववर्ष]] अलग-अलग तिथियों के अनुसार मनाया जाता है।
==लुई ब्रेल==
'''लुई ब्रेल''' (जन्म - [[4 जनवरी]] 1809; मृत्यु - [[6 जनवरी]] 1852) नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण करने के लिये प्रसिद्ध हैं।
*ब्रेल लिपि के निर्माण से नेत्रहीनों के पढ़ने की कठिनाई को मिटाने वाले लुई स्वयं भी नेत्रहीन थे।
*लुई ब्रेल का जन्म [[फ्रांस]] के छोटे से ग्राम कुप्रे में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था।
*कालान्तर में स्वयं लुई ब्रेल ने आठ वर्षो के परिश्रम से ब्रेल लिपि में अनेक संशोधन किये और अंततः 1829 में छह बिन्दुओ पर आधारित ऐसी [[लिपि]] बनाने में सफल हुये।
*लुई ब्रेल के वजह से नेत्रहीनों को पढ़ने का मौका मिला।
*सन [[2009]] में 4 जनवरी को जब लुई ब्रेल के जन्म को पूरे दो सौ वर्षों का समय पूरा हुआ तो लुई ब्रेल जन्म द्विशती के अवसर पर हमारे देश ने उन्हें पुनः पुर्नजीवित करने का प्रयास किया जब इस अवसर पर उनके सम्मान में [[डाक टिकट]] जारी किया गया।
==लुई ब्रेल दिवस==
'''लुई ब्रेल दिवस'''  [[5 जनवरी]] को लुई ब्रेल की याद में मनाया जाता है।
*लुई ब्रेल ने नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण किया था।
*लुई ब्रेल की वजह से नेत्रहीनों को पढ़ने का मौका मिला।
*सन [[2009]] में 4 जनवरी को जब लुई ब्रेल के जन्म को पूरे दो सौ वर्षों का समय पूरा हुआ तो लुई ब्रेल जन्म द्विशती के अवसर पर हमारे देश ने उन्हें पुनः पुर्नजीवित करने का प्रयास किया जब इस अवसर पर उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया।
==गुरु गोविन्द सिंह जयंती==
'''गुरु गोविन्द सिंह जयंती''' [[गुरु गोविन्द सिंह]] की याद में मनायी जाती है।
*गुरु गोविंद सिंह [[सिक्ख|सिक्खों]] के दसवें व अंतिम गुरु माने जाते थे, और सिक्खों के सैनिक संगति, ख़ालसा के सृजन के लिए प्रसिद्ध थे।
==प्रवासी भारतीय दिवस==
'''प्रवासी भारतीय दिवस''' या '''अनिवासी भारतीय दिवस''' [[9 जनवरी]] को पूरे [[भारत]] में मनाया जाता है।
*9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मान्यता दी गई है क्योंकि इसी दिन [[1915]] में [[महात्मा गांधी]] [[दक्षिण अफ्रीका]] से [[भारत]] लौटे और अंततः दुनिया भर में प्रवासी भारतीयों और औपनिवेशिक शासन के तहत लोगों के लिए और भारत के सफल स्वतंत्रता संघर्ष के लिए प्रेरणा बने।
*प्रवासी भारतीय दिवस को मनाने की शुरुआत सन [[2003]] से हुई थी।
*प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें उन भारतीयों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने विदेश में जाकर भारतवर्ष का नाम ऊँचा किया है।
*छठवें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र [[दिल्ली]] की सरकार तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा संयुक्त रूप से [[7 जनवरी|7]]-9 जनवरी, 2009 को [[चेन्नई]] में किया गया।
*सम्मेलन का उद्घाटन भारत के माननीय [[प्रधानमंत्री]] [[डॉ. मनमोहन सिंह]] ने किया। भारत की माननीय [[राष्ट्रपति]] [[प्रतिभा देवी सिंह पाटिल|श्रीमति प्रतिभा देवीसिंह पाटील]] ने 9 जनवरी को समापन सत्र में भारतीय मूल के 13 व्यक्तियों को प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किए।
*प्रवासी भारतीय सम्मान पाने वालों का चयन भारत के माननीय उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता में गठित ज्यूरी सह अवॉर्ड समिति द्वारा किया जाता है।
*प्रवासी भारतीय दिवस 2009 में सूरीनाम के उपराष्ट्रपति रामदीन सरदजोई मुख्य अतिथि थे।
==अन्तरराष्ट्रीय युवा दिवस==
'''अन्तरराष्ट्रीय युवा दिवस''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: International Youth Day) (IYD) [[12 जनवरी]] को प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
*पहली बार सन [[2000]] में अन्तरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन आरम्भ किया गया था।
*अन्तरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का मतलब है की सरकार युवा के मुद्दों और उनकी बातों पर ध्यान आकर्षित करे।
*संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार सन् [[1985]] ई. को अन्तरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया।
==राष्‍ट्रीय युवा दिवस==
'''राष्‍ट्रीय युवा दिवस''' [[12 जनवरी]] [[स्वामी विवेकानन्द]] की जयन्ती के दिन मनाया जता है।
*संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार सन् 1985 ई. को अन्तरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया।
*भारत सरकार ने घोषणा की कि सन 1985 से 12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानन्द जयन्ती के दिन से राष्ट्रीय युवा दिवस सर्वत्र देशभर में मनाया जाए।
*राष्‍ट्रीय युवा दिवस के दिन देश भर के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं, रैलियाँ आदि निकाली जाती हैं।
*भारत की युवा पीढ़ी स्वामी विवेकानन्द से निःसृत होने वाले ज्ञान, प्रेरणा एवं तेज के स्रोत से लाभ उठाएगी।

Revision as of 11:52, 13 March 2012

शाकम्भरी

शाकम्भरी दुर्गा के अवतारों में एक हैं। दुर्गा सभी अवतारों में से रक्तदंतिका,भीमा, भ्रामरी, शताक्षी तथा शाकंभरी प्रसिद्ध हैं।

कथा

एक बार पृथ्वी पर लगातार सौ वर्ष तक वर्षा न हुई। तब अन्न-जल के अभाव में समस्त प्रजा मरने लगी। इस कारण चारों ओर हाहाकार मच गया। समस्त जीव भूख से व्याकुल होकर मरने लगे। उस समय समस्त मुनियों ने मिलकर देवी भगवती की उपासना की। जिससे दुर्गा जी ने शाकम्भरी नाम से स्त्री रूप में अवतार लिया और उनकी कृपा से वर्षा हुई। इस अवतार में महामाया ने जलवृष्टि से पृथ्वी को हरी शाक-सब्ज़ी और फलों से परिपूर्ण कर दिया। जिससे पृथ्वी के समस्त जीवों को जीवनदान प्राप्त हुआ।

शाकम्भरी जयंती

शाकम्भरी जयंती 3 जनवरी को देवी शाकम्भरी की याद में मनायी जाती है।

  • देवी शाकम्भरी दुर्गा के अवतारों में एक हैं।
  • ऐसी मान्यता है कि माँ शाकम्भरी मानव के कल्याण के लिये इसी दिन धरती पर आयी थी।

नया साल दिवस

नया साल दिवस 1 जनवरी को मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार 1 जनवरी वर्ष का पहला दिन है।

  • नव वर्ष उत्सव 4000 वर्ष पहले से बेबीलोन में मनाया जाता था।
  • बेबीलोन में 4000 वर्ष पहले नया साल 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी।
  • सब देशों में नया साल 1 जनवरी और भारत के भिन्न-भिन्न हिस्सों में नववर्ष अलग-अलग तिथियों के अनुसार मनाया जाता है।