लौह अयस्क: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{पुनरीक्षण}} {{tocright}} '''लौह अयस्क''' चट्टानें एवं खनिज है...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{पुनरीक्षण}}
{{tocright}}
[[चित्र:Iron-Ore.jpg|thumb|250px|लौह अयस्क]]
'''लौह अयस्क''' चट्टानें एवं [[खनिज]] हैं जिनसे धात्विक लोहे का आर्थिक निष्कर्षण किया जा सकता है। भारत में कुड़प्पा तथा धारवाड़ युग की जलीय (अवसादी) एवं आग्नेय शैलों में लौह अयस्क की प्राप्ति होती हैं। इनमें मैग्नेटाइट, हैमेटाइट, सिडेराइट, लिमोनाइट तथा लैटराइट अयस्क प्रमुख हैं। देश में सर्वाधिक शुद्धता वाला मैग्नेटाइट अयस्क (72 प्रतिशत शुद्धता) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। देश में निकाले जा सकने योग्य लौह अयस्क का कुल भंडार 12 अरब 74 करोड़ 50 लाख टन हैं, जिसमें लगभग 9 अरब 60 करोड़ 20 लाख टन हैमेटाइट लौह अयस्क का और 3 अरब 14 करोड़ 30 लाख टन मैग्नेटाइट लौह अयस्क सम्मिलित है। इस प्रकार देश में उपलब्ध लौह अयस्क में से 85 प्रतिशत हैमेटाइट, 8 प्रतिशत मैग्नेटाइट और 7 प्रतिशत अन्य किस्म का लोहा पाया जाता है। लौह-अयस्क का निक्षेपण कुछ विशेष पेटियों में हुआ हैं, जो इस प्रकार है-
'''लौह अयस्क''' चट्टानें एवं [[खनिज]] हैं जिनसे धात्विक लोहे का आर्थिक निष्कर्षण किया जा सकता है। भारत में कुड़प्पा तथा धारवाड़ युग की जलीय (अवसादी) एवं आग्नेय शैलों में लौह अयस्क की प्राप्ति होती हैं। इनमें मैग्नेटाइट, हैमेटाइट, सिडेराइट, लिमोनाइट तथा लैटराइट अयस्क प्रमुख हैं। [[भारत]] में सर्वाधिक शुद्धता वाला मैग्नेटाइट अयस्क (72 प्रतिशत शुद्धता) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। भारत में निकाले जा सकने योग्य लौह अयस्क का कुल भंडार 12 अरब 74 करोड़ 50 लाख टन हैं, जिसमें लगभग 9 अरब 60 करोड़ 20 लाख टन हैमेटाइट लौह अयस्क का और 3 अरब 14 करोड़ 30 लाख टन मैग्नेटाइट लौह अयस्क सम्मिलित है। इस प्रकार देश में उपलब्ध लौह अयस्क में से 85 प्रतिशत हैमेटाइट, 8 प्रतिशत मैग्नेटाइट और 7 प्रतिशत अन्य किस्म का लोहा पाया जाता है। लौह-अयस्क का निक्षेपण कुछ विशेष पेटियों में हुआ हैं, जो इस प्रकार है-
#झारखण्ड-उड़ीसा पेटी
#झारखण्ड-उड़ीसा पेटी
#मध्य प्रदेश- महाराष्ट्र पेटी
#मध्य प्रदेश- महाराष्ट्र पेटी
Line 7: Line 7:
#गोवा-पश्चिमी महाराष्ट्र पेटी
#गोवा-पश्चिमी महाराष्ट्र पेटी
====झारखण्ड-उड़ीसा पेटी====
====झारखण्ड-उड़ीसा पेटी====
{{tocright}}
[[झारखण्ड]]-[[उड़ीसा]] पेटी की बरमजादा समूह तथा गुरुमहिसानी-बादाम पहाड़ मेखला में हैमटाइट अयस्क की प्राप्ति होती हैं। उड़ीसा के [[मयूरभंज ज़िला|मयूरभंज ज़िले]] में गुरुमहिसानी, सुलेपात तथा बादाम पहाड़ क्षेत्र की कायान्तरित शैलों एवं झारखण्ड के सिंहभूम ज़िले तथा उड़ीसा के [[क्योंझर ज़िला|क्योंझर]] एवं [[सुन्दरगढ़ ज़िला|सुन्दरगढ़]] जिलों में फैले बरमजादा समूह प्रमुख अयस्क क्षेत्र हैं। सिंहभूम ज़िले के बुधुबुरु, कोटामारी बुरू, रजोरी बुरू, पलामू ज़िले के डाल्टेनगंज आदि लौह अयस्क के प्रमुख क्षेत्र हैं।
[[झारखण्ड]]-[[उड़ीसा]] पेटी की बरमजादा समूह तथा गुरुमहिसानी-बादाम पहाड़ मेखला में हैमटाइट अयस्क की प्राप्ति होती हैं। उड़ीसा के [[मयूरभंज ज़िला|मयूरभंज ज़िले]] में गुरुमहिसानी, सुलेपात तथा बादाम पहाड़ क्षेत्र की कायान्तरित शैलों एवं झारखण्ड के सिंहभूम ज़िले तथा उड़ीसा के [[क्योंझर ज़िला|क्योंझर]] एवं [[सुन्दरगढ़ ज़िला|सुन्दरगढ़]] जिलों में फैले बरमजादा समूह प्रमुख अयस्क क्षेत्र हैं। सिंहभूम ज़िले के बुधुबुरु, कोटामारी बुरू, रजोरी बुरू, पलामू ज़िले के डाल्टेनगंज आदि लौह अयस्क के प्रमुख क्षेत्र हैं।
====मध्य प्रदेश- महाराष्ट्र पेटी====
====मध्य प्रदेश- महाराष्ट्र पेटी====
Line 22: Line 23:
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
[[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:खान और खनिज]]
[[Category:विज्ञान कोश]]
[[Category:नया पन्ना अप्रॅल-2012]]
[[Category:नया पन्ना अप्रॅल-2012]]


__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 12:36, 28 April 2012

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

thumb|250px|लौह अयस्क लौह अयस्क चट्टानें एवं खनिज हैं जिनसे धात्विक लोहे का आर्थिक निष्कर्षण किया जा सकता है। भारत में कुड़प्पा तथा धारवाड़ युग की जलीय (अवसादी) एवं आग्नेय शैलों में लौह अयस्क की प्राप्ति होती हैं। इनमें मैग्नेटाइट, हैमेटाइट, सिडेराइट, लिमोनाइट तथा लैटराइट अयस्क प्रमुख हैं। भारत में सर्वाधिक शुद्धता वाला मैग्नेटाइट अयस्क (72 प्रतिशत शुद्धता) पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। भारत में निकाले जा सकने योग्य लौह अयस्क का कुल भंडार 12 अरब 74 करोड़ 50 लाख टन हैं, जिसमें लगभग 9 अरब 60 करोड़ 20 लाख टन हैमेटाइट लौह अयस्क का और 3 अरब 14 करोड़ 30 लाख टन मैग्नेटाइट लौह अयस्क सम्मिलित है। इस प्रकार देश में उपलब्ध लौह अयस्क में से 85 प्रतिशत हैमेटाइट, 8 प्रतिशत मैग्नेटाइट और 7 प्रतिशत अन्य किस्म का लोहा पाया जाता है। लौह-अयस्क का निक्षेपण कुछ विशेष पेटियों में हुआ हैं, जो इस प्रकार है-

  1. झारखण्ड-उड़ीसा पेटी
  2. मध्य प्रदेश- महाराष्ट्र पेटी
  3. कर्नाटक- आन्ध्र प्रदेश पेटी
  4. गोवा-पश्चिमी महाराष्ट्र पेटी

झारखण्ड-उड़ीसा पेटी

झारखण्ड-उड़ीसा पेटी की बरमजादा समूह तथा गुरुमहिसानी-बादाम पहाड़ मेखला में हैमटाइट अयस्क की प्राप्ति होती हैं। उड़ीसा के मयूरभंज ज़िले में गुरुमहिसानी, सुलेपात तथा बादाम पहाड़ क्षेत्र की कायान्तरित शैलों एवं झारखण्ड के सिंहभूम ज़िले तथा उड़ीसा के क्योंझर एवं सुन्दरगढ़ जिलों में फैले बरमजादा समूह प्रमुख अयस्क क्षेत्र हैं। सिंहभूम ज़िले के बुधुबुरु, कोटामारी बुरू, रजोरी बुरू, पलामू ज़िले के डाल्टेनगंज आदि लौह अयस्क के प्रमुख क्षेत्र हैं।

मध्य प्रदेश- महाराष्ट्र पेटी

छत्तीसगढ़ के बैलाडिया क्षेत्र में भी हैमटाइट अयस्क के 14 निक्षेपों का पता लगाया जाता है। यह क्षेत्र बस्तर ज़िले में स्थित हैं। दुर्ग (डल्लीराजहरा), रायगढ़, बिलासपुर, सरगुजा, बालाघाट आदि में भी हैमटाइट प्रकार के लौह-अयस्क मिलते हैं। पूर्वी महाराष्ट्र के चन्द्रपुर ज़िले में भी लौह अयस्क के निक्षेप मिले हैं। यहाँ के अयस्कों में लोहांश 66 प्रतिशत तक है। कर्नाटक राज्य के बेलारी-हास्पेट क्षेत्र में स्थित सन्दूर पहाड़ियाँ भी लौह अयस्क के प्रमुख क्षेत्र के रूप में गिनी जाती है। यहाँ चिकमंगलूर ज़िले की बाबाबदून पहाड़ियों में भी हैमेटाइट अयस्क पाया जाता है।

गोवा-पश्चिमी महाराष्ट्र पेटी

गोवा-पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र में उत्तम किस्म का लोहा अदुलमाले तथा उसगाँव के बीच मिलता है। आन्ध्र प्रदेश में खम्माम, अनन्तपुर, कृष्णा, कुडप्पा तथा नेल्लोर ज़िलों में लौह अयस्क के निक्षेप पाये जाते हैं। हैमटाइट अयस्क की कुछ मात्रा राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, असम, पंजाब, उत्तर प्रदेश तथा जम्मू कश्मीर राज्यों में भी मिलती है।

भारत में लौह अयस्क के क्षेत्र

भारत में लौह अयस्क उत्पादन में गोवा प्रथम स्थान रखता है। द्वितीय एवं तृतीय स्थान क्रमशः मध्य प्रदेश एवं कर्नाटक का है। इसके अलावा लौह-अयस्क का उत्पादन झारखंड, बिहार, उड़ीसा, तमिलनाडु, इत्यादि प्रदेशों में भी होता है। 2006-07 में देश में कुल 1772.96 लाख टन लौह अयस्क का उत्पादन हुआ। विश्व लौह व्यापार में भारत का हिस्सा 8.2 प्रतिशत है। भारत से सर्वाधिक लौह अयस्क निर्यात जापान को किया जाता है।

मैग्नेटाइट अयस्क के प्रमुख क्षेत्र

कर्नाटक (कुद्रेमुख), तमिलनाडु (सलेम, उत्तरी अर्काट, नीलगिरि, मालनद, देवला आदि), आन्ध्र प्रदेश (आदिलाबाद, करीमनगर, निजामाबाद), केरल (कोझीकोड), हरियाणा (महेन्द्रगढ़), झारखण्ड (सिंहभूमि) तथा उड़ीसा, महाराष्ट्र एवं गोवा

लिमोनाइट लौह अयस्क के क्षेत्र

लिमोनाइट लौह अयस्क पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले की जामुदा तथा महादेव श्रेणियों में पाया जाता है। हिमाचल प्रदेश में मण्डी क्षेत्र, जम्मू कश्मीर के जम्मू तथा ऊधमपुर ज़िले, उत्तर प्रदेश के मढ़वाल, अल्मोड़ा तथा नैनीताल ज़िले एवं गुजरात के नवानगर, पोरबन्दर, जूनागढ़, भावनगर, बड़ोदरा एवं खाण्डेश्वर की खानों से भी लौह अयस्क का उत्खनन किया जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख