घंटसाल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''घंटसाल''' आन्ध्र प्रदेश राज्य में कृष्णा नदी के त...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
'''घंटसाल''' [[आन्ध्र प्रदेश]] राज्य में [[कृष्णा नदी]] के तट पर स्थित है। इस स्थान ऐतिहासिक दृष्टि से बड़ा ही महत्त्व है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=311|url=}}</ref>
'''घंटसाल''' [[आन्ध्र प्रदेश]] राज्य में [[कृष्णा नदी]] के तट पर स्थित है। इस स्थान का ऐतिहासिक दृष्टि से बड़ा ही महत्त्व है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=311|url=}}</ref>


*प्रथम-द्वितीय शती ई. में बना हुआ [[बौद्ध]] [[स्तूप]] यहाँ का उल्लेखनीय स्मारक है।
*प्रथम-द्वितीय शती ई. में बना हुआ [[बौद्ध]] [[स्तूप]] यहाँ का उल्लेखनीय स्मारक है।

Latest revision as of 08:10, 29 August 2012

घंटसाल आन्ध्र प्रदेश राज्य में कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। इस स्थान का ऐतिहासिक दृष्टि से बड़ा ही महत्त्व है।[1]

  • प्रथम-द्वितीय शती ई. में बना हुआ बौद्ध स्तूप यहाँ का उल्लेखनीय स्मारक है।
  • यहाँ का स्तूप आन्ध्र प्रदेश की अमरावती नामक नगरी के प्रख्यात स्तूप का प्राय: समकालीन है।
  • कुछ विद्वानों के मत में जावा के सुप्रसिद्ध 'बोरोबुदूर मंदिर' की विशिष्ट कला के अंकुर घंटसाल के स्तूप में प्राप्त होते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 311 |

संबंधित लेख