चयनित लेख: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('==भारत कोश के मुखपृष्ठ के लिए चयनित लेखों की सूची==' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
==भारत कोश के मुखपृष्ठ के लिए चयनित लेखों की सूची==
==भारत कोश के मुखपृष्ठ के लिए चयनित लेखों की सूची==
{| class="wikitable" border="1" width="100%"
|-
! लेख
! विवरण
|-
| style="width:80%; text-align:center;"|
<blockquote>'''मूर्ति कला मथुरा'''<br /></blockquote>
[[चित्र:Buddha-3.jpg|right|70px|बुद्ध|link=बुद्ध]]
<blockquote>चीनी यात्री [[हुएनसांग]] के लेखानुसार यहाँ पर [[अशोक]] के बनवाये हुये कुछ स्तूप 7वीं शताब्दी में विद्यमान थे। परन्तु आज हमें इनके विषय में कुछ भी ज्ञान नहीं है। लोक-कला की दृष्टि से देखा जाय तो मथुरा और उसके आसपास के भाग में इसके मौर्यकालीन नमूने विद्यमान हैं। लोक-कला की ये मूर्तियां [[यक्ष|यक्षों]] की हैं। यक्षपूजा तत्कालीन लोकधर्म का एक अभिन्न अंग थी। संस्कृत, पाली और प्राकृत साहित्य यक्षपूजा के उल्लेखों से भरा पड़ा है । [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार यक्षों का कार्य पापियों को विघ्न करना, उन्हें दुर्गति देना और साथ ही साथ अपने क्षेत्र का संरक्षण करना था।<balloon title="वामनपुराण, 34.44; 35.38।" style="color:blue">*</balloon>  मथुरा से इस प्रकार के यक्ष और यक्षणियों की छह प्रतिमाएं मिल चुकी हैं ।  [[मूर्ति कला मथुरा|.... और पढ़ें]]</blockquote>
| style="width:20%"|
[[मूर्ति कला मथुरा]]
|-
| style="width:80%; text-align:center;"|
[[वैशाली]], [[बिहार]]
| [[चित्र:Vaishali-Bihar.jpg|thumb]]
|}

Revision as of 14:06, 7 June 2010

भारत कोश के मुखपृष्ठ के लिए चयनित लेखों की सूची

लेख विवरण

मूर्ति कला मथुरा

right|70px|बुद्ध|link=बुद्ध

चीनी यात्री हुएनसांग के लेखानुसार यहाँ पर अशोक के बनवाये हुये कुछ स्तूप 7वीं शताब्दी में विद्यमान थे। परन्तु आज हमें इनके विषय में कुछ भी ज्ञान नहीं है। लोक-कला की दृष्टि से देखा जाय तो मथुरा और उसके आसपास के भाग में इसके मौर्यकालीन नमूने विद्यमान हैं। लोक-कला की ये मूर्तियां यक्षों की हैं। यक्षपूजा तत्कालीन लोकधर्म का एक अभिन्न अंग थी। संस्कृत, पाली और प्राकृत साहित्य यक्षपूजा के उल्लेखों से भरा पड़ा है । पुराणों के अनुसार यक्षों का कार्य पापियों को विघ्न करना, उन्हें दुर्गति देना और साथ ही साथ अपने क्षेत्र का संरक्षण करना था।<balloon title="वामनपुराण, 34.44; 35.38।" style="color:blue">*</balloon> मथुरा से इस प्रकार के यक्ष और यक्षणियों की छह प्रतिमाएं मिल चुकी हैं । .... और पढ़ें

मूर्ति कला मथुरा

वैशाली, बिहार

thumb