सदक़ा: Difference between revisions

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'''सदक़ा''' शब्द का प्रयोग [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में सल्तकाल के दौरान अधिक होता था।
'''सदक़ा''' शब्द का प्रयोग [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में सल्तकाल के दौरान अधिक होता था। जिसका अर्थ होता था: एक प्रकार का धार्मिक कर।
==शब्द संदर्भ==
{{शब्द संदर्भ नया
|अर्थ=ईश्वर के नाम दी जाने वाली वस्तु या दान, बुरी नज़र का प्रभाव नष्ट करने के लिए या रोगी का रोग दूर करने के लिए पीड़ित व्यक्ति के सिर पर से घुमाकर किसी को दी जाने वाली या चौराहे पर रखी जाने वाली वस्तु।
|व्याकरण=[[पुल्लिंग]]
|उदाहरण=सतगुरु कै सदकै करूँ -[[कबीर]] ([[साखी]],1/5)
|विशेष='''सदक़े जाना'''- न्योछावर होना, बलि-बलि जाना
|विलोम=
|पर्यायवाची=
|संस्कृत=
|अन्य ग्रंथ=
|संबंधित शब्द=
|संबंधित लेख=
|सभी लेख=
}}


जिसका अर्थ होता था:


एक प्रकार का धार्मिक कर।






{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
[[Category:नया पन्ना अक्टूबर-2011]]
{{सल्तनतकालीन प्रशासन}}
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[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]

Revision as of 10:44, 22 April 2013

सदक़ा शब्द का प्रयोग भारत के इतिहास में सल्तकाल के दौरान अधिक होता था। जिसका अर्थ होता था: एक प्रकार का धार्मिक कर।

शब्द संदर्भ




टीका टिप्पणी और संदर्भ

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