संविधान संशोधन- 82वाँ: Difference between revisions

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'''भारत का संविधान (82वाँ संशोधन) अधिनियम,2000'''
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'''भारत का संविधान (82वाँ संशोधन) अधिनियम, 2000'''
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*इस संशोधन के द्वारा यह व्यवस्था की गई है कि संघ या किसी राज्य के मामलों से सम्बद्ध किसी सेवा के किन्हीं वर्गों या वर्ग अथवा पदों पर पदोन्नति देने के लिए अनुसूचित जातियों और जनजातियों के सदस्यों के पक्ष में किसी परीक्षा के अर्हता अंकों में अथवा मूल्यांकन के स्तरों में नरमी बरतने के लिए की गई किसी व्यवस्था को संविधान के अनुच्छेद 335 का कोई भी प्रावधान राज्य को नहीं रोक सकेगा।
*इस संशोधन के द्वारा यह व्यवस्था की गई है कि संघ या किसी राज्य के मामलों से सम्बद्ध किसी सेवा के किन्हीं वर्गों या वर्ग अथवा पदों पर पदोन्नति देने के लिए अनुसूचित जातियों और जनजातियों के सदस्यों के पक्ष में किसी परीक्षा के अर्हता अंकों में अथवा मूल्यांकन के स्तरों में नरमी बरतने के लिए की गई किसी व्यवस्था को संविधान के अनुच्छेद 335 का कोई भी प्रावधान राज्य को नहीं रोक सकेगा।
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Latest revision as of 11:19, 5 July 2013

संविधान संशोधन- 82वाँ
विवरण 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है।
संविधान लागू होने की तिथि 26 जनवरी, 1950
82वाँ संशोधन 2000
संबंधित लेख संविधान सभा
अन्य जानकारी 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है।

भारत का संविधान (82वाँ संशोधन) अधिनियम, 2000

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • इस संशोधन के द्वारा यह व्यवस्था की गई है कि संघ या किसी राज्य के मामलों से सम्बद्ध किसी सेवा के किन्हीं वर्गों या वर्ग अथवा पदों पर पदोन्नति देने के लिए अनुसूचित जातियों और जनजातियों के सदस्यों के पक्ष में किसी परीक्षा के अर्हता अंकों में अथवा मूल्यांकन के स्तरों में नरमी बरतने के लिए की गई किसी व्यवस्था को संविधान के अनुच्छेद 335 का कोई भी प्रावधान राज्य को नहीं रोक सकेगा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख