रत्न: Difference between revisions

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Revision as of 13:18, 19 July 2010

रत्न
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क़ीमती पत्थर को रत्न कहा जाता है अपनी सुंदरता की वजह से यह क़ीमती होते है। रत्न आकर्षक खनिज का एक टुकड़ा होता है जो कटाई और पॉलिश करने के बाद गहने और अन्य अलंकरण बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। बहुत से रत्न ठोस खनिज के होते है, लेकिन कुछ नरम खनिज के भी होते है। रत्न अपनी चमक और अन्य भौतिक गुणों के सौंदर्य की वजह से गहने में उपयोग किया जाता है। ग्रेडिंग, काटने और पॉलिश से रत्नों को एक नया रुप और रंग दिया जाता है और इसी रूप और रंग की वजह से यह रत्न गहनों को और भी आकर्षक बनाते है। रत्न का रंग ही उसकी सबसे स्पष्ट और आकर्षक विशेषता है। रत्नों को गर्म कर के उसके रंग की स्पष्टता बढ़ाई जाती है।

रत्न कोई भी हो अपने आपमें प्रभावशाली होता है। मनुष्य अनादिकाल से ही रत्नों की तरफ आकर्षित रहा है, वर्तमान में भी है तथा भविष्य में भी रहेगा। रत्न शरीर की शोभा आभूषणों के रूप में तो बढ़ाते ही हैं और कुछ लोगों का मानना है की रत्न अपनी दैवीय शक्ति के प्रभाव के कारण रोगों का निवारण भी करते हैं। इन रत्नों से जहाँ स्वयं को सजाने-सँवारने की स्पर्धा लोगों में पाई जाती है वहीं संपन्नता के प्रतीक ये अनमोल रत्न अपने आकर्षण तथा उत्कृष्टता से सबको वशीभूत कर विश्व व्यापी से बखाने जाते हैं। रत्न और जवाहरात के नाम से जाने हुए ये खनिज पदार्थ विश्व की बहुमूल्य राशी हैं, जो युगों से अगणित मनों को मोहते हुए अपनी महत्ता बनाए हुए हैं।

ग्रन्थों के अनुसार

प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार उच्च कोटि में 84 प्रकार के रत्न आते हैं। इनमें से बहुत से रत्न अब अप्राप्य हैं तथा बहुत से नए-नए रत्नों का आविष्कार भी हुआ है। रत्नों में मुख्यतः नौ ही रत्न ज्यादा पहने जाते हैं। वर्तमान समय में प्राचीन ग्रंथों में वर्णित रत्नों की सूचियाँ प्रामाणिक नहीं रह गई हैं। रत्नों के नामों की सूची निम्न प्रकार है -

रत्न की सूची
अजूबा रत्न अहवा रत्न अबरी रत्न अमलिया रत्न अलेमानी रत्न उपल रत्न उदाऊ रत्न कर्पिशमणि रत्न
कटैला रत्न कसौटी रत्न कांसला रत्न कुरण्ड रत्न गुदड़ी रत्न गोदन्ती रत्न गोमेद रत्न गौरी रत्न
चकमक रत्न चन्द्रकांत रत्न चित्तो रत्न चुम्बक रत्न जजेमानी रत्न जबरजद्द रत्न जहर मोहरा रत्न झरना रत्न
टेढ़ी रत्न डूर रत्न तिलियर रत्न तुरसावा रत्न तृणमणि रत्न दाँतला रत्न दाने फिरग रत्न दारचना रत्न
दूरनजफ रत्न धुनला रत्न नरम रत्न नीलम रत्न नीलोपल रत्न पनघन रत्न पारस रत्न पुखराज रत्न
पन्ना रत्न फाते जहर रत्न फीरोजा रत्न बसरो रत्न बांसी रत्न बेरुंज रत्न मकड़ी रत्न मरगज रत्न
माक्षिक रत्न माणिक्य रत्न मासर मणि रत्न मूँगा रत्न मूवेनजफ रत्न मोती रत्न रक्तमणि रत्न रक्ताश्म रत्न
रातरतुआ रत्न लहसुनिया रत्न लालड़ी रत्न लास रत्न लूधिया रत्न शेष मणि रत्न शैलमणि रत्न शोभामणि रत्न
संगमरमर रत्न संगमूसा रत्न संगसितारा रत्न संगिया रत्न संगेसिमाक रत्न संगेहदीद रत्न सिन्दूरिया रत्न सिफरी रत्न
सींगली रत्न सीजरी रत्न सुनहला रत्न सुरमा रत्न सूर्यकान्त रत्न सेलखड़ी रत्न सोनामक्खी रत्न स्फटिक रत्न
हकीक रत्न हजरते ऊद रत्न हजरते बेर रत्न हरितमणि रत्न हरितोपल रत्न हीरा रत्न

रत्न का महत्व

रत्न की अंगूठी या लॉकेट पहने से व्यापार में उन्नति, नौकरी में पदोन्नति, राजनीति में सफलता, कोर्ट-कचहरी में सफलता, शत्रु नाश, कर्ज से मुक्ति, वैवाहिक ‍तालमेल में बाधा को दूर कर अनुकूल बनाना, संतान कष्ट, विद्या में रुकावटें, विदेश, आर्थिक उन्नति आदि में सफल‍ता मिलती है। मानवीय उत्थान-पतन में इनकी अद्भुत भूमिका को आँकना आसान नहीं है; तभी तो भारतीय कोहनूर हीरा अपनी दमक एवं प्रभाव से विश्व स्तर पर श्रेष्ठता बनाए हुए है। वैसे तो रत्नों की संख्या 84 है, किंतु यहाँ पर हम केवल नव रत्नों के विषय में विवरण दे रहे हैं; क्योंकि ये नव रत्न नव ग्रहों के अनुरूप धारकों में विशेष प्रचलित हैं।

नव ग्रहों और रत्नों की स्थिति

ग्रह संबंधित रत्न उपयुक्त धातु लग्न साशि स्वामी ग्रह अनुकूल
सुर्य माणिक्य स्वर्ण मेष मंगल मूँगा
चंद्र मोती चाँदी वृषभ शुक्र हीरा
मंगल मूँगा स्वर्ण मिथुन बुध पन्ना
बुध पन्ना स्वर्ण,काँसा कर्क चंद्र मोती
बृहस्पति पुखराज चाँदी सिंह सूर्य माणिक्य
शुक्र हीरा चाँदी कन्या बुध पन्ना
शनि नीलम लोहा,सीसा तुला शुक्र हीरा
राहु गोमेद चाँदी, सोना, ताँबा, लोहा, काँसा वृश्चिक मंगल मूँगा
केतु लहसुनिया चाँदी, सोना, ताँबा, लोहा, काँसा धनु गुरु पुखराज
मकर शनि नीलम
कुंभ शनि नीलम
मीन गुरु पुखराज

गोमेद

गोमेद राहु ग्रह का रत्न है। गोमेद रत्न पीताभ गहरे लाल रंग का होता है। नवरत्न में गोमेद भी होता है। गोमेद रत्न से राजनीति, जासूसी, जुआ-सट्टा, तंत्र-मंत्र से जुडे़ व्यक्ति आदि पहनते हैं। गोमेद राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करता है।

नीलम

नीलम शनि ग्रह का रत्न है। नीलम नीले रंग का एक पारदर्शी रत्न है। नवरत्न में नीलम भी होता है। यह रोगों को दूर करने, आयु एवं व्यापार तथा राजनीतिक सफलताओं के लिए उत्तम माना जाता है।

पन्ना

पन्ना बुध ग्रह का रत्न है। पन्ना हरे रंग का एक रत्न है। नवरत्न में पन्ना भी होता है। पन्ना धारण करने से बल, बुद्धि, विद्या तथा प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।

पुखराज

पुखराज गुरु ग्रह का रत्न है। पुखराज एक मूल्यवान रत्न है। जो अति कठोर होता है। पुखराज रत्न सभी रत्नों का राजा है। इसे पहनने वाला प्रतिष्‍ठा पाता है व उच्च पद तक आसीन हो सकता है।

माणिक्य

माणिक्य सुर्य ग्रह का रत्न है। माणिक्य गुलाबी या लाल रंग का एक बहुमूल्य रत्न है। माणिक्य गुलाबी तथा सुर्ख लाल रंग का होता है तथा काले रंग का भी पाया जाता है। गुलाबी रंग का माणिक्य श्रेष्ठ माना गया है।

मूँगा

मूँगा मंगल ग्रह का रत्न है। मूँगा एक प्रकार का लाल रत्न है जो समुद्र में होता है। मूँगा वास्तव में समुद्री जीवों के कठोर कंकालों से निर्मित एक प्रकार का निक्षेप है। इसके लाल रंग के एक रत्न के रूप में धारण किया जाता है।

मोती

मोती चन्द्र ग्रह का रत्न है। मोती एक बहुमूल्य रत्न जो समुद्र की सीपी में से निकलता है और छूटा, गोल तथा सफेद होता है। मानसिक शांति, सुख, सौभाग्य तथा आयु वृद्धि देने वाला होता है।

लहसुनियाँ

लहसुनियाँ केतु ग्रह का रत्न है। लहसुनियाँ एक रत्न है जिस पर लहसुन जैसी धारियाँ होती हैं। यह बिल्ली के आँख के समान चमकदार होता है।

हीरा

हीरा शुक्र ग्रह का रत्न है। हीरा एक प्रकार का बहुमूल्य रत्न जो बहुत चमकदार और बहुत कठोर होता है। हीरा रत्न अत्यन्त महंगा व दिखने में सुन्दर होता है।

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