सेन थोमे बन्दरगाह: Difference between revisions
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*मार्कोपोलो कहता है कि- "यह बहुत कम जनसंख्या वाला छोटा-सा नगर है और यह एक ऐसा स्थान है, जहाँ बहुत थोड़े व्यापारी जाते हैं, क्योंकि यहाँ सीमित व्यापारिक माल बिकता है।" लेकिन 16 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में सेन थोमे बन्दरगाह का पुनरुत्थान हुआ। | |||
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सेन थोमे बन्दरगाह एक ऐतिहासिक बन्दरगाह, जो कोरोमंडल तट के दक्षिण में स्थित था| यह चोल काल का एक प्रसिद्ध बन्दरगाह था और 'मायलापुरा' के नाम से प्रसिद्ध था।
- सेन थोमे से कलात्मक वस्तुएँ, सूती वस्त्र, ग़लीचे, धागे, मलमल आदि वस्तुएँ मक्का तथा इससे आगे के देशों में इस बंदरगाह से भेजी जाती थीं। परंतु चौदहवीं शताब्दी में इसका महत्त्व कम हो गया।
- मार्कोपोलो कहता है कि- "यह बहुत कम जनसंख्या वाला छोटा-सा नगर है और यह एक ऐसा स्थान है, जहाँ बहुत थोड़े व्यापारी जाते हैं, क्योंकि यहाँ सीमित व्यापारिक माल बिकता है।" लेकिन 16 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में सेन थोमे बन्दरगाह का पुनरुत्थान हुआ।
- सेन थोमे में पुर्तग़ालियों ने अपनी सैनिक छावनी एवं आवास स्थली बनाई थी। इसके पुनरुत्थान का एक कारण प्रख्यात यूरोपीय व्यापारियों का आगमन भी था।
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