आम आदमी पार्टी: Difference between revisions

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'''आम आदमी पार्टी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Aam Aadmi Party'', संक्षेप नाम: 'आप') सामाजिक कार्यकर्ता एवं [[दिल्ली के मुख्यमंत्री|दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री]] [[अरविंद केजरीवाल]] एवं [[अन्ना हजारे]] के लोकपाल आंदोलन से जुड़े बहुत से सहयोगियों द्वारा गठित एक भारतीय राजनीतिक दल है।  
'''आम आदमी पार्टी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Aam Aadmi Party'', संक्षेप नाम: 'आप') सामाजिक कार्यकर्ता एवं [[दिल्ली के मुख्यमंत्री|दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री]] [[अरविंद केजरीवाल]] एवं [[अन्ना हजारे]] के लोकपाल आंदोलन से जुड़े बहुत से सहयोगियों द्वारा गठित एक भारतीय राजनीतिक दल है।  
==स्थापना==
==स्थापना==
आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा [[26 नवम्बर]] [[2012]] को भारतीय संविधान अधिनियम की 63वीं वर्षगाँठ के अवसर पर जंतर मंतर, [[दिल्ली]] में हुई थी। सन् 2011 में इंडिया अगेंस्ट करपशन नामक संगठन ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए जन लोकपाल आंदोलन के दौरान भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा जनहित की उपेक्षा के खिलाफ़ आवाज़ उठाई। अन्ना भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आंदोलन को राजनीति से अलग रखना चाहते थे, जबकि अरविन्द केजरीवाल और उनके सहयोगियों की यह राय थी कि पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाये। इसी उद्देश्य के तहत पार्टी पहली बार 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'झाड़ू' चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतरी। पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटों पर जीत दर्ज़ की और अपना विधायक दल का नेता अरविंद केजरीवाल को चुना जो [[28 दिसम्बर]], [[2013]] को [[दिल्ली]] के सातवें [[मुख्यमंत्री]] बने।[[चित्र:AAP Symbol.png |thumb|left|'आप' का चुनाव चिह्न 'झाड़ू']]
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* [[राइट टू रिजेक्ट]]: नकारने का अधिकार
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* राजनीतिक विकेन्द्रीकरण
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==दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013==  
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[[2013]] के दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने [[नई दिल्ली]] सीट से चुनाव लड़ा जहां उनकी सीधी टक्कर लगातार 15 साल से दिल्ली की मुख्यमंत्री [[शीला दीक्षित]] से थी। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 22 हज़ार मतों से हराया। नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया। आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी [[भारतीय जनता पार्टी]] के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सत्तारूढ़ काँग्रेस पार्टी सिर्फ़ 10 सीटें लेकर तीसरे स्थान पर खिसक गयी।
[[2013]] के दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने [[नई दिल्ली]] सीट से चुनाव लड़ा जहां उनकी सीधी टक्कर लगातार 15 साल से दिल्ली की मुख्यमंत्री [[शीला दीक्षित]] से थी। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 22 हज़ार मतों से हराया। नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया। आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी [[भारतीय जनता पार्टी]] के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सत्तारूढ़ काँग्रेस पार्टी सिर्फ़ 10 सीटें लेकर तीसरे स्थान पर खिसक गयी।
==दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015==
दिल्ली विधान सभा चुनाव 2015, [[7 फ़रवरी]] [[2015]] को आयोजित हुए और परिणाम 10 फ़रवरी 2015 को घोषित किया गया। यह चुनाव दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों पर लड़ा गया। [[अरविंद केजरीवाल]] के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीत कर भारी बहुमत हासिल किया। 14 फ़रवरी 2015 को वे दोबारा [[दिल्ली के मुख्यमंत्री]] पद पर आसीन हुए। इस चुनाव में [[भारतीय जनता पार्टी]] केवल 3 सीट जीत पाई और [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] का खाता भी नहीं खुला।


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Revision as of 10:01, 15 February 2015

आम आदमी पार्टी
पूरा नाम आम आदमी पार्टी
संक्षेप नाम 'आप' अथवा 'AAP'
गठन 26 नवम्बर, 2012
वर्तमान अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल
मुख्यालय भूतल, ए-119, कौशाम्बी, (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र भारत), ग़ाज़ियाबाद- 201010
विचारधारा स्वराज, भ्रष्टाचार मुक्ति
चुनाव चिह्न झाड़ू
संसद में सीटों की संख्या
लोकसभा 4/545
राज्यसभा 0/245
विधानसभा 67/70 (दिल्ली विधानसभा)
आधिकारिक वेबसाइट आम आदमी पार्टी
बाहरी कड़ियाँ आम आदमी पार्टी का संविधान
अद्यतन‎

आम आदमी पार्टी (अंग्रेज़ी: Aam Aadmi Party, संक्षेप नाम: 'आप') सामाजिक कार्यकर्ता एवं दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलन से जुड़े बहुत से सहयोगियों द्वारा गठित एक भारतीय राजनीतिक दल है।

स्थापना

आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा 26 नवम्बर 2012 को भारतीय संविधान अधिनियम की 63वीं वर्षगाँठ के अवसर पर जंतर मंतर, दिल्ली में हुई थी। सन् 2011 में इंडिया अगेंस्ट करपशन नामक संगठन ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए जन लोकपाल आंदोलन के दौरान भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा जनहित की उपेक्षा के खिलाफ़ आवाज़ उठाई। अन्ना भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आंदोलन को राजनीति से अलग रखना चाहते थे, जबकि अरविन्द केजरीवाल और उनके सहयोगियों की यह राय थी कि पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाये। इसी उद्देश्य के तहत पार्टी पहली बार 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'झाड़ू' चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतरी। पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटों पर जीत दर्ज़ की और अपना विधायक दल का नेता अरविंद केजरीवाल को चुना जो 28 दिसम्बर, 2013 को दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री बने।thumb|left|'आप' का चुनाव चिह्न 'झाड़ू'

पार्टी के मुख्य एजेण्डा

  • जन लोकपाल विधेयक लागू करना
  • राइट टू रिकॉल: चुने हुए जन-प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार
  • राइट टू रिजेक्ट: नकारने का अधिकार
  • राजनीतिक विकेन्द्रीकरण

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013

2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा जहां उनकी सीधी टक्कर लगातार 15 साल से दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से थी। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 22 हज़ार मतों से हराया। नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया। आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सत्तारूढ़ काँग्रेस पार्टी सिर्फ़ 10 सीटें लेकर तीसरे स्थान पर खिसक गयी।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015

दिल्ली विधान सभा चुनाव 2015, 7 फ़रवरी 2015 को आयोजित हुए और परिणाम 10 फ़रवरी 2015 को घोषित किया गया। यह चुनाव दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों पर लड़ा गया। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीत कर भारी बहुमत हासिल किया। 14 फ़रवरी 2015 को वे दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी केवल 3 सीट जीत पाई और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला।


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