कर्मवीर -अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध': Difference between revisions
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देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं | देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं | ||
रह भरोसे भाग्य के | रह भरोसे भाग्य के दु:ख भोग पछताते नहीं | ||
काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नहीं, | काम कितना ही कठिन हो किन्तु उकताते नहीं, | ||
भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं, | भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं, |
Revision as of 14:01, 2 June 2017
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देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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