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'''बिंदी''' स्त्रियों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए माथे पर लगाने का गोल छोटा टीका होती है। बिंदी स्त्रियों के | '''बिंदी''' स्त्रियों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए माथे पर लगाने का गोल छोटा टीका होती है। बिंदी स्त्रियों के श्रृंगार में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है और माथे को सजाने के लिए लगायी जाती है। बिंदी स्त्रियों के 16 श्रृंगार में से एक है। | ||
*लड़कियाँ बिंदी का उपयोग सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से करती हैं और विवाहित महिलाओं के लिए यह सुहाग की निशानी मानी जाती है। | *लड़कियाँ बिंदी का उपयोग सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से करती हैं और विवाहित महिलाओं के लिए यह सुहाग की निशानी मानी जाती है। | ||
*[[हिन्दू धर्म]] में [[विवाह|शादी]] के बाद हर स्त्री को माथे पर [[लाल रंग|लाल]] बिंदी लगाना आवश्यक परंपरा माना गया है। | *[[हिन्दू धर्म]] में [[विवाह|शादी]] के बाद हर स्त्री को माथे पर [[लाल रंग|लाल]] बिंदी लगाना आवश्यक परंपरा माना गया है। | ||
*बिंदी का महत्त्व केवल सौंदर्य बढ़ाने वाले | *बिंदी का महत्त्व केवल सौंदर्य बढ़ाने वाले श्रृंगार तक ही सीमित नहीं है। | ||
*एक मान्यता के अनुसार बिंदी लगाने की परंपरा आज्ञा चक्र पर दबाव बनाने के लिए प्रारंभ की गई ताकि मन एकाग्र रहे। | *एक मान्यता के अनुसार बिंदी लगाने की परंपरा आज्ञा चक्र पर दबाव बनाने के लिए प्रारंभ की गई ताकि मन एकाग्र रहे। | ||
*बिंदी तीन तरह की होती है:- | *बिंदी तीन तरह की होती है:- |
Revision as of 08:54, 17 July 2017
thumb|बिंदियां thumb|बिंदियां बिंदी स्त्रियों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए माथे पर लगाने का गोल छोटा टीका होती है। बिंदी स्त्रियों के श्रृंगार में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है और माथे को सजाने के लिए लगायी जाती है। बिंदी स्त्रियों के 16 श्रृंगार में से एक है।
- लड़कियाँ बिंदी का उपयोग सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से करती हैं और विवाहित महिलाओं के लिए यह सुहाग की निशानी मानी जाती है।
- हिन्दू धर्म में शादी के बाद हर स्त्री को माथे पर लाल बिंदी लगाना आवश्यक परंपरा माना गया है।
- बिंदी का महत्त्व केवल सौंदर्य बढ़ाने वाले श्रृंगार तक ही सीमित नहीं है।
- एक मान्यता के अनुसार बिंदी लगाने की परंपरा आज्ञा चक्र पर दबाव बनाने के लिए प्रारंभ की गई ताकि मन एकाग्र रहे।
- बिंदी तीन तरह की होती है:-
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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