प्रयोग:कविता सा.-1: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
कविता भाटिया (talk | contribs) No edit summary |
कविता भाटिया (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 13: | Line 13: | ||
||वास चित्रकला ग्रीक पेंटिंग का एक विशेष रूप है। इस [[चित्रकला]] में फूलदान का अप्रतिम चित्रण होता है। | ||वास चित्रकला ग्रीक पेंटिंग का एक विशेष रूप है। इस [[चित्रकला]] में फूलदान का अप्रतिम चित्रण होता है। | ||
{भीमबेटका की खोज कब हुई थीं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-19,प्रश्न-6 | {[[भीमबेटका गुफ़ाएँ|भीमबेटका]] की खोज कब हुई थीं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-19,प्रश्न-6 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[1958]] में | +[[1958]] में | ||
Line 19: | Line 19: | ||
-[[1950]] में | -[[1950]] में | ||
-[[1959]] में | -[[1959]] में | ||
||विष्णु श्रीधर वाकड़कर ने भीमबेटका के प्रागैतिहासिक चित्रों का सर्वप्रथम वर्ष [[1958]] में पता लगाया। यहां 500 वर्गमील के क्षेत्र में 30 | ||विष्णु श्रीधर वाकड़कर ने भीमबेटका के प्रागैतिहासिक चित्रों का सर्वप्रथम वर्ष [[1958]] में पता लगाया। यहां 500 वर्गमील के क्षेत्र में 30 पर्वतश्रेणियाँ अवस्थित हैं जिनकी समुद्रतल से ऊंचाई 1345 फीट (420 मी.) से 2000 फीट (600 मी.) तक है। इन्हीं के ऊपर एक ट्रिगनोमैट्रिक स्टेशन स्थापित किया गया था, जहां गत शताब्दी में सर्वेक्षण किए गए थे। इन पर्वतश्रेणियों की शिलाएं बकुआ पत्थर की हैं।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[भीमबेटका गुफ़ाएँ|भीमबेटका]] | ||
{ | {[[बाघ की गुफ़ाएँ|बाघ गुफ़ाओं]] को किस रूप में जाना जाता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-26,प्रश्न-26 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-रंग महल के रूप में | -रंग महल के रूप में | ||
Line 27: | Line 27: | ||
-गृह उफा के रूप में | -गृह उफा के रूप में | ||
+इनमें से कोई नहीं | +इनमें से कोई नहीं | ||
|| | ||बाघ गुफाओं को उपर्युक्त में से किसी नाम से नहीं जाना जाता है किंतु गुफा संख्या 1 को गृह गुफा, गुफा संख्या 2 को पंच-पांडव गुफा तथा सबसे महत्त्वपूर्ण गुफा संख्या 4 को रंग महल के रूप में जाना जाता है। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[बाघ की गुफ़ाएँ|बाघ गुफ़ाओं]] | ||
{'पाल शैली' के चित्र होते हैं | |||
{'पाल शैली' के चित्र कहाँ होते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-42,प्रश्न-15 | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+पोथियों में | +पोथियों में | ||
Line 35: | Line 36: | ||
-कैनवास पर | -कैनवास पर | ||
-बोर्ड पर | -बोर्ड पर | ||
||'पाल शैली' के अंतर्गत प्रारंभ में ताल-पत्र और बाद में | ||'पाल शैली' के अंतर्गत प्रारंभ में ताल-पत्र और बाद में काग़ज़ पर बनाए जाने वाले चित्रों में बज्रयान [[बौद्ध धर्म]] के दृश्य चित्रित हैं। इस शैली के अधिकांश चित्र पोथियों में ही प्राप्त होते हैं। इस शैली के जो स्फुट चित्र प्राप्त हुए हैं, वे बंगाल के पट चित्र हैं। | ||
{[[मध्य प्रदेश]] सरकार ने किस कलाकार को [[कालिदास]] | {[[मध्य प्रदेश]] सरकार ने किस कलाकार को [[कालिदास सम्मान]] से सम्मानित किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-209,प्रश्न-181 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-गुलाम | -गुलाम शेख़ | ||
-एल. राजपूत | -एल. राजपूत | ||
+के.जी. सुब्रह्मण्यम | +के.जी. सुब्रह्मण्यम | ||
-एन.एस. बेंद्रे | -एन.एस. बेंद्रे | ||
||भारतीय आधुनिक कला के प्रतिष्ठित कलाकार के.जी. सुब्रह्मण्यम का प्रसिद्ध म्यूरल लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने रबीन्द्रालय रंगशाला की बाहरी दीवार पर ग्लेज्ड टेराकोटा टाइल्स से एक बड़े आकार के म्यूरल 'किंग ऑफ़ डार्क चैंबर्स' को निर्मित किया गया है। इनके इस कार्य में विशेष सहयोगी राजस्थान के क्राफ्टमैन ग्यारसी लाल वर्मा थे। | ||भारतीय आधुनिक कला के प्रतिष्ठित कलाकार के.जी. सुब्रह्मण्यम का प्रसिद्ध म्यूरल [[लखनऊ]] के [[चारबाग़ रेलवे स्टेशन लखनऊ|चारबाग]] रेलवे स्टेशन के सामने रबीन्द्रालय रंगशाला की बाहरी दीवार पर ग्लेज्ड टेराकोटा टाइल्स से एक बड़े आकार के म्यूरल 'किंग ऑफ़ डार्क चैंबर्स' को निर्मित किया गया है। इनके इस कार्य में विशेष सहयोगी राजस्थान के क्राफ्टमैन ग्यारसी लाल वर्मा थे। | ||
{प्रसिद्ध 'नालंदा' किस राज्य में है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-223,प्रश्न-281 | {प्रसिद्ध '[[नालंदा विश्वविद्यालय]]' किस राज्य में है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-223,प्रश्न-281 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[उत्तरांचल]] | -[[उत्तरांचल]] | ||
Line 51: | Line 52: | ||
-[[उत्तर प्रदेश]] | -[[उत्तर प्रदेश]] | ||
-[[मध्य प्रदेश]] | -[[मध्य प्रदेश]] | ||
||प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय बिहार राज्य के पटना से 64 किमी. दक्षिण में बड़गांव नामक स्थान पर स्थित है। | ||प्राचीन [[नालंदा विश्वविद्यालय]] [[बिहार]] राज्य के पटना से 64 किमी. दक्षिण में बड़गांव नामक स्थान पर स्थित है। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[नालंदा विश्वविद्यालय]] | ||
{'रज्मनामा' किस हिंदू ग्रंथ का सचित्र अनुवाद है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-65,प्रश्न-61 | {'[[रज्मनामा|रज़्मनामा]]' किस हिंदू ग्रंथ का सचित्र अनुवाद है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-65,प्रश्न-61 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[रामायण]] | -[[रामायण]] | ||
+[[महाभारत]] | +[[महाभारत]] | ||
-[[गीत गोविंद]] | -[[गीत गोविंद]] | ||
-भगवद्गीता | -[[श्रीमद्भगवद गीता|भगवद्गीता]] | ||
||'रज्मनामा' ग्रंथ, हिंदू ग्रंथ [[महाभारत]] का फारसी अनुवाद [[अकबर]] के शासनकाल में किया गया। मौलाना अब्दुल कादिर बदायूंनी ने 'महाभारत' का फारसी में अनुवाद किया और उसका नाम 'रज्मनामा' रखा। इसे पूरा करने में लगभग एक वर्ष लगा और | ||'[[रज्मनामा|रज़्मनामा]]' ग्रंथ, हिंदू ग्रंथ [[महाभारत]] का फारसी अनुवाद [[अकबर]] के शासनकाल में किया गया। [[अब्दुल कादिर बदायूंनी|मौलाना अब्दुल कादिर बदायूंनी]] ने 'महाभारत' का फारसी में अनुवाद किया और उसका नाम 'रज्मनामा' रखा। इसे पूरा करने में लगभग एक वर्ष लगा और 1582 ई. में पूर्ण किया गया। इसकी सचित्र प्रति बादशाह के लिए 1588 ई. में तैयार की गई थी, जिसकी तीन बड़ी सचित्र जिल्दें हैं। | ||
{[[बसौली]] के चित्र किस संग्रहालय में सुरक्षित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-1 | {[[बसौली]] के चित्र किस नगर के संग्रहालय में सुरक्षित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-76,प्रश्न-1 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[पंजाब]] | +[[पंजाब]] | ||
Line 67: | Line 68: | ||
-[[राजस्थान]] | -[[राजस्थान]] | ||
-[[दिल्ली]] | -[[दिल्ली]] | ||
||बसौली शैली के चित्र [[पंजाब]] के विभिन्न संग्रहालयों में सुरक्षित हैं। | ||बसौली शैली के चित्र [[पंजाब]] के विभिन्न संग्रहालयों में सुरक्षित हैं। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[बसौली]] | ||
{नियो बंगाल स्कूल की स्थापना किसने की? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-37 | {नियो बंगाल स्कूल की स्थापना किसने की? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-82,प्रश्न-37 | ||
Line 75: | Line 76: | ||
-[[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]] | -[[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]] | ||
+[[नंदलाल बोस]] | +[[नंदलाल बोस]] | ||
|| | ||नंदलाल बोस भारत के एक प्रसिद्ध [[चित्रकार]] थे। नंदलाल बोस ने संविधान की मूल प्रति का डिजाइन बनाया था। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[बसौली]] | ||
{भारतीय तिरंगे झंडे में चक्र किसका प्रतीक है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-161,प्रश्न-31 | {[[तिरंगा|भारतीय तिरंगे झंडे]] में [[अशोक चक्र|चक्र]] किसका प्रतीक है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-161,प्रश्न-31 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मौन | -मौन | ||
Line 83: | Line 84: | ||
+निरंतर गति | +निरंतर गति | ||
-स्थायी भाव | -स्थायी भाव | ||
||भारतीय झंडे में प्रयुक्त चक्र का रंग है- नेवी ब्लू। केसरिया, श्वेत और हरे रंगों की तीन पट्टियों से युक्त तिरंगे को [[भारत]] के 'राष्ट्रीय ध्वज' के रूप में अपनाया गया है। केसरिया रंग सबसे ऊपर तथा [[हरा रंग]] सबसे नीचे है। मध्य में श्वेत पट्टी के केंद्र में गहरे [[नीला रंग|नीला]] (नेवी ब्लू-) रंग का एक चक्र है। जिसमें 24 तीलिया हैं। | ||भारतीय झंडे में प्रयुक्त चक्र का रंग है- नेवी ब्लू। केसरिया, श्वेत और हरे रंगों की तीन पट्टियों से युक्त तिरंगे को [[भारत]] के 'राष्ट्रीय ध्वज' के रूप में अपनाया गया है। केसरिया रंग सबसे ऊपर तथा [[हरा रंग]] सबसे नीचे है। मध्य में श्वेत पट्टी के केंद्र में गहरे [[नीला रंग|नीला]] (नेवी ब्लू-) रंग का एक चक्र है। जिसमें 24 तीलिया हैं। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[तिरंगा|भारतीय तिरंगे झंडे]] | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
Revision as of 11:40, 2 November 2017
|