राखीगढ़ी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
Line 8: Line 8:
|[[चित्र:Rakhigarhi-3.jpg|thumb|180px|center]]
|[[चित्र:Rakhigarhi-3.jpg|thumb|180px|center]]
|}
|}
'''राखीगढ़ी''' [[हरियाणा]] के [[हिसार ज़िला|हिसार ज़िले]] में [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] तथा [[दृषद्वती नदी|दृषद्वती]] नदियों के शुष्क क्षेत्र में स्थित एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है।
'''राखीगढ़ी''' (अंग्रेज़ी:Rakhigarhi) [[हरियाणा]] के [[हिसार ज़िला|हिसार ज़िले]] में [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] तथा [[दृषद्वती नदी|दृषद्वती]] नदियों के शुष्क क्षेत्र में स्थित एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है।
*राखीगढ़ी [[सिन्धु सभ्यता]] का भारतीय क्षेत्रों में [[धोलावीरा]] के बाद दूसरा विशालतम ऐतिहासिक नगर है।  
*राखीगढ़ी [[सिन्धु सभ्यता]] का भारतीय क्षेत्रों में [[धोलावीरा]] के बाद दूसरा विशालतम ऐतिहासिक नगर है।  
*राखीगढ़ी का [[उत्खनन]] व्यापक पैमाने पर 1997-1999 ई. के दौरान अमरेन्द्र नाथ द्वारा किया गया।  
*राखीगढ़ी का [[उत्खनन]] व्यापक पैमाने पर 1997-1999 ई. के दौरान अमरेन्द्र नाथ द्वारा किया गया।  
Line 24: Line 24:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{हरियाणा के ऐतिहासिक स्थान}}
{{हरियाणा के ऐतिहासिक स्थान}}
[[Category:हरियाणा]][[Category:हरियाणा_के_ऐतिहासिक_नगर]][[Category:ऐतिहासिक_स्थान_कोश]][[Category:हरियाणा_के_पर्यटन_स्थल]]
[[Category:हरियाणा]][[Category:हरियाणा के ऐतिहासिक नगर]][[Category:हरियाणा के पर्यटन स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 11:02, 17 January 2018

राखीगढ़ी और उसके अवशेष
thumb|180px|center
thumb|180px|center
thumb|180px|center

राखीगढ़ी (अंग्रेज़ी:Rakhigarhi) हरियाणा के हिसार ज़िले में सरस्वती तथा दृषद्वती नदियों के शुष्क क्षेत्र में स्थित एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है।

  • राखीगढ़ी सिन्धु सभ्यता का भारतीय क्षेत्रों में धोलावीरा के बाद दूसरा विशालतम ऐतिहासिक नगर है।
  • राखीगढ़ी का उत्खनन व्यापक पैमाने पर 1997-1999 ई. के दौरान अमरेन्द्र नाथ द्वारा किया गया।
  • राखीगढ़ी से प्राक्-हड़प्पा एवं परिपक्व हड़प्पा युग इन दोनों कालों के प्रमाण मिले हैं।
  • राखीगढ़ी से महत्त्वपूर्ण स्मारक एवं पुरावशेष प्राप्त हुए हैं, जिनमें दुर्ग-प्राचीर, अन्नागार, स्तम्भयुक्त वीथिका या मण्डप, जिसके पार्श्व में कोठरियाँ भी बनी हुई हैं, ऊँचे चबूतरे पर बनाई गई अग्नि वेदिकाएँ आदि मुख्य हैं।

खोज एवं वर्तमान स्थिति

दुनिया के सबसे बड़े एवं पुराने सिंधु घाटी सभ्यता के स्थलों में एक राखीगढ़ी तेज आर्थिक विकास के उफान के कारण विलुप्ति के कगार पर पहुँच गया है। पुरातत्ववेत्ताओं ने हरियाणा स्थित राखीगढ़ी की खोज 1963 ई. में की थी। विश्व विरासत कोष की मई 2012 रिपोर्ट में 'ख़तरे में एशिया के विरासत स्थल' में 10 स्थानों को चिह्नित किया है। रिपोर्ट में इन 10 स्थानों को 'अपूरणीय क्षति एवं विनाश' के केन्द्र करार दिया गया है। इनमें हरियाणा में स्थित राखीगढ़ी भी है। भारतीय पुरातत्व विभाग ने राखीगढ़ी में खुदाई कर एक पुराने शहर का पता लगाया था और तकरीबन 5000 साल पुरानी कई वस्तुएँ बरामद की थीं। राखीगढ़ी में लोगों के आने जाने के लिए बने हुए मार्ग, जल निकासी की प्रणाली, बारिश का पानी एकत्र करने का विशाल स्थान, कांसा सहित कई धातुओं की वस्तुएँ मिली थीं।

ख़तरे में एशिया के विरासत स्थल

विश्व विरासत कोष ने इस सूची में ख़तरे में जिन स्थलों को रखा है, उनमें काशगर भी शामिल है, जो चीन के अंतिम रेशम मार्ग स्थलों में है। इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान स्थित मेस आयनाक भी है, जो प्राचीन बौद्ध मठ है। इसमें थाइलैंड में स्थित अयुथ्या, फ़िलीपींस का क़िला सेंटियागो, बांग्लादेश स्थित महाष्टंगण, म्यांमार स्थित म्यूक-यू, कंबोडिया स्थित प्रीह विहियर आदि हैं। विश्व विरासत कोष के कार्यकारी निदेशक जेफ़ मोरगन ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि ख़तरे में विरासत के 10 स्थल एशिया में अलग-अलग स्थानों पर हैं। इन स्थानों पर पुरातन विरासत है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख