अपग: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 5: Line 5:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{ऐतिहासिक स्थानावली}}
{{ऐतिहासिक शब्दावली}}
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]][[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]][[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 06:36, 15 May 2018

अपग एक ऐतिहासिक स्थान है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (नं. ला. डे)
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 25 |

संबंधित लेख

ऐतिहासिक शब्दावली

मजलिस-ए-खलवत, शाहना-ए-पील, दीवान-ए-इमारत, शाहना-ए-मण्डी, सद्र-उस-सुदूर, दीवान-ए-कजा, दीवान-ए-अर्ज, दीवान-ए-विजारत, मंत्रिपरिषद (सल्तनत काल), उलेमा वर्ग, मेलुहा, जीतल, नवाब, हश्म-ए-क़ल्ब, हश्म-ए-अतरफ़, सरहंग, सरजामदार, सरजानदार, शहन-ए-इमारत, सरख़ैल, समा, सदक़ा, वली, वक़्फ़, मुक़द्दम, मैमार, मुहतसिब, मुक़ता, मिल्क़, मसाहत, बलाहर, बरीद, फ़िक़ह, पायक, नौबत, नायक बारबक, दीवाने-क़ज़ा, दबीर, तलीआ, तफ़सीर, तज़्कीर, जहांदारी, ज़िम्मी, ख़राज, ख़िर्क़ा, ख़ासदार, ख़ासख़ैल, ख़लासा भूमि, ख़ानक़ाह, ख़ान, कु, क़ुब्बा, इद्रार, इतलाकी, आमिल, अमीर-ए-बहार, अमीर-ए-दाद, अक़ता, आरिज़े मुमालिक, मुस्तौफ़ी-ए-मुमालिक, मुतसर्रिफ़, दीवान-ए-बंदगान, दीवान-ए-इस्तिहक़, दीवान-ए-ख़ैरात, वकील-ए-दर, बारबक, शहना-ए-पील, अमीर-ए-हाजिब, अमीर-ए-शिकार, अमीर-ए-मजलिस, अमीर-ए-आख़ुर, सर-ए-जाँदार, दीवान-ए-नज़र, सद्र-उस-सदुर, वकील-ए-सुल्तान, नायब-ए-मुमालिकत, दीवान-ए-रिसायत, दीवान-ए-रसालत, दीवान-ए-बरीद, दीवान-ए-इंशा, दीवान-ए-आरिज, क़ाज़ी-उल-क़ुज़ात, नाज़िर, मुशरिफ़-ए-मुमालिक, नायब वज़ीर, दीवान-ए-वक़ूफ़, दीवान-ए-मुस्तख़राज, दीवान-ए-अमीर कोही, दीवान, ख़ज़ीन, सुल्तान, अमीर, वज़ीर, अगोरा, अट्टगत्तर, अट्टगम, अचल प्रवृत्ति, अबोहन, अंत-अयम्, क्षेत्र, हिरण्य, हरणीपर्यंत, हल्लि, हल्लिकार, हलिक, हैमन शस्य, श्रणी, स्ववीर्योपजीविन, सुनु, सूना, स्थान, स्थान मान्य, स्थल, स्थल वृत्ति, स्त्रोत, चतुर्थ पंचभागिकम, गुणपत्र, खेत्तसामिक, कृप्यगृह, कुमारगदियानक, कुल्यवाप, कर्मान्तिक, सीमा, एकपुरुषिकम, उत्पाद्यमानविष्टि, आवात, आसिहार, आलि, आघाट, आधवाय, आदाणक, स्कंधावार, सीत्य, सिद्ध, सेवा, सेतुबंध, सेनाभक्त, सर्वमान्य, सर्व-आभ्यांतर-सिद्धि, संग्रहत, संक्रांत, संकर कुल, संकर ग्राम, साध्य, अयनांगल, अट्टपतिभाग, अस्वयंकृत कृषि, अर्धसीतिका, अक्षयनीवी, अक्षपटलाध्यक्ष, अक्षपटल, अकृत, अकृष्ट, अकरदायिन, अकरद, अग्रहार, अग्रहारिक, अदेवमातृक, अध्यिय-मनुस्सनम, समाहर्ता, सालि, सकारुकर, सद्भाग, साचित्त, सभा-माध्यम, शुल्क, शौल्किक, शासन, शैवर, व्यामिश्र-भूमि, ब्रीहि, विविता, वित्तोलकर, विष्टि, विषामत्ता, विलोप, वत्थुपति, वातक, वासेत-कुटम्बिक, वार्ता, वर्षिकाशस्य, वरत्रा, वरज, वापी, वापातिरिक्तम्, वाप गत्या, लांगुल, रूपजीवा, रूपदर्शक, रूधमारोधि, रोपण, रज्जु, राजकीय क्षेत्र, योगक्षेम, यव, मूलवाप, मेय, मासु, मंडपिका, महात्राण, भूतवातप्रत्यय, भूमिच्छिद्रन्याय, भूमास्क, भुक्ति, भुज्यमान, भोगायक, भोगपति, भोगगाम, भोग, भिक्षु हल, भिख्खुहलपरिहार, भाण्डागारिक, भैक्षक, भागदुध, भद्रभोग, ब्रह्मदेय, बीत्तुवत्त, बीजगण, बरज, फेणाघात, पुस्तपाल, पूर्ववाप, पुर, प्रत्यंत, प्रतिकर, प्रस्थक, प्रकृष्ट, प्रदेश, पोलाच्य, पिण्डक, पौतवम्, पट्टला, पतित, पथक, पातक, पार्श्व, पल्लिका, पर्रु, पारिहारिक, परिहार, परिभोग, पण्यसंस्था, पादोनलक्ष, पंचकुल, न्याय कर्णिक, निवर्तन