अश्मक महाजनपद: Difference between revisions

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Revision as of 13:14, 14 September 2010

thumb|300px|अश्मक महाजनपद
Ashmaka Great Realm
अश्मक / अस्सक महाजनपद

  • पौराणिक 16 महाजनपदों में से एक था।
  • नर्मदा और गोदावरी नदियों के बीच अवस्थित इस प्रदेश की राजधानी पाटन थी।
  • आधुनिक काल में इस प्रदेश को महाराष्ट्र कहते हैं।
  • बौद्ध साहित्य में इस प्रदेश का, जो गोदावरी तट पर स्थित था, कई स्थानों पर उल्लेख मिलता है।
  • 'महागोविन्दसूत्तन्त' के अनुसार यह प्रदेश रेणु और धृतराष्ट्र के समय में विद्यमान था। इस ग्रन्थ में अस्सक के राजा ब्रह्मदत्त का उल्लेख है।
  • सुत्तनिपात[1] में अस्सक को गोदावरी-तट पर बताया गया है। इसकी राजधानी पोतन, पौदन्य या पैठान(प्रतिष्ठानपुर) में थी।
  • पाणिनि ने अष्टाध्यायी[2] में भी अश्मकों का उल्लेख किया है।
  • सोननंदजातक में अस्सक को अवंती से सम्बंधित कहा गया है।
  • अश्मक नामक राजा का उल्लेख वायु पुराण[3] और महाभारत में है--'अश्मकों नाम राजर्षि: पौदन्यं योन्यवेशयत्'। सम्भवत: इसी राजा के नाम से यह जनपद अश्मक कहलाया।
  • ग्रीक लेखकों ने अस्सकेनोई(Assukenoi) लोगों का उत्तर-पश्चिमी भारत में उल्लेख किया है। इनका दक्षिणी अश्वकों से ऐतिहासिक सम्बन्ध रहा होगा या यह अश्वकों का रूपान्तर हो सकता है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सुत्तनिपात,997
  2. अष्टाध्यायी,4, 1, 173
  3. वायु पुराण,88, 177-178

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