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'''<u>ब्रिटिश कालीन स्मारक होंगे राष्ट्रीय धरोहर</u>'''
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ब्रिटिश काल के दौरान छावनी क्षेत्र में बनाए गए ऐतिहासिक स्थल अब राष्ट्रीय धरोहरों में शुमार किए जाएंगे। स्मारकों को चिह्नित करने के बाद इनके संरक्षण और बेहतर रखरखाव की व्यवस्था की जाएगी। केंद्र सरकार ने ये आदेश जारी किए हैं। छावनी के सैन्य एवं सिविल क्षेत्र की संपत्तियों का संरक्षण रक्षा संपदा विभाग करता है, जिसके चलते छावनी में मौजूद कई ऐतिहासिक धरोंहरों का संरक्षण नहीं हो पा रहा था। इनके संरक्षण की एक याचिका कोर्ट में दाख़िल की गई थी। इसी के बाद रक्षा मंत्रालय ने देश की समस्त 62 छावनियों को एक माह में ऐसे स्थानों एव इमारतों को तलाशने के आदेश दिए हैं, जिनका संबंध प्राचीन एवं ब्रिटिश कालीन इतिहास से रहा हो। [[आगरा]] छावनी बोर्ड द्वारा इस संबंध में स्मारकों के चिह्नीकरण की तैयारी शुरु कर दी गई है। सीईओ संजीव कुमार ने बताया कि इनका ब्योरा जुटाने के लिए स्टेशन कमांडर एवं डीईओ से संपर्क किया गया है...
ब्रिटिश काल में छावनी क्षेत्र में बनाए गए ऐतिहासिक स्थल अब राष्ट्रीय धरोहरों माने जाएंगे। स्मारकों को चिह्नित करने के बाद इनके संरक्षण और बेहतर रखरखाव की व्यवस्था की जाएगी। केंद्र सरकार ने ये आदेश जारी किए हैं। छावनी के सैन्य एवं सिविल क्षेत्र की संपत्तियों का संरक्षण रक्षा संपदा विभाग करता है, जिसके चलते छावनी में मौजूद कई ऐतिहासिक धरोंहरों का संरक्षण नहीं हो पा रहा था। इनके संरक्षण की एक याचिका कोर्ट में दाख़िल की गई थी। इसी के बाद रक्षा मंत्रालय ने देश की समस्त 62 छावनियों को एक माह में ऐसे स्थानों एव इमारतों को तलाशने के आदेश दिए हैं, जिनका संबंध प्राचीन एवं ब्रिटिश कालीन इतिहास से रहा हो। [[आगरा]] छावनी बोर्ड द्वारा इस संबंध में स्मारकों के चिह्नीकरण की तैयारी शुरु कर दी गई है। सीईओ संजीव कुमार ने बताया कि इनका ब्योरा जुटाने के लिए स्टेशन कमांडर एवं डीईओ से संपर्क किया गया है...
 
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*दैनिक जागरण
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*[http://www.patrika.com/news.aspx?id=466949 पत्रिका]
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Revision as of 06:18, 16 November 2010

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समाचार

शुक्रवार, 12 नवंबर, 2010

ब्रिटिश कालीन स्मारक होंगे राष्ट्रीय धरोहर

ब्रिटिश काल में छावनी क्षेत्र में बनाए गए ऐतिहासिक स्थल अब राष्ट्रीय धरोहरों माने जाएंगे। स्मारकों को चिह्नित करने के बाद इनके संरक्षण और बेहतर रखरखाव की व्यवस्था की जाएगी। केंद्र सरकार ने ये आदेश जारी किए हैं। छावनी के सैन्य एवं सिविल क्षेत्र की संपत्तियों का संरक्षण रक्षा संपदा विभाग करता है, जिसके चलते छावनी में मौजूद कई ऐतिहासिक धरोंहरों का संरक्षण नहीं हो पा रहा था। इनके संरक्षण की एक याचिका कोर्ट में दाख़िल की गई थी। इसी के बाद रक्षा मंत्रालय ने देश की समस्त 62 छावनियों को एक माह में ऐसे स्थानों एव इमारतों को तलाशने के आदेश दिए हैं, जिनका संबंध प्राचीन एवं ब्रिटिश कालीन इतिहास से रहा हो। आगरा छावनी बोर्ड द्वारा इस संबंध में स्मारकों के चिह्नीकरण की तैयारी शुरु कर दी गई है। सीईओ संजीव कुमार ने बताया कि इनका ब्योरा जुटाने के लिए स्टेशन कमांडर एवं डीईओ से संपर्क किया गया है...

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