नाथद्वार चित्रकला

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:38, 24 January 2011 by गोविन्द राम (talk | contribs) (Adding category Category:उदयपुर (Redirect Category:उदयपुर resolved) (को हटा दिया गया हैं।))
Jump to navigation Jump to search
  • 1671 में ब्रज से श्रीनाथजी को मूर्ति के नाथद्वार लाये जाने के पश्चात ब्रजवासी चित्रकारों द्वारा मेवाड़ में ही चित्रकला की स्वतंत्र नाथद्वारा शैली का विकास किया गया है।
  • इस शैली में बने चित्रों में श्रीनाथजी की प्राकट्य छवियों, आचार्यों के दैनिक जीवन सम्बंधी विषयों तथा कृष्ण की विविध लीलाओं को दर्शाया गया है।
  • 18 वीं शताब्दी को नाथद्वार कला शैली का चरमोत्कर्ष काल माना जाता है जब कि 19 वीं शताब्दी में इस पर व्यावसायिकता हावी हो गयी और तब से यह शैली निरंतर परिवर्तनशील रही है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः