मौलाना मज़हरूल हक़

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:31, 9 April 2017 by माधवी अग्रवाल (talk | contribs) ('{{सूचना बक्सा स्वतन्त्रता सेनानी |चित्र=Maulana-Mazharul-Haque.JPG |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
मौलाना मज़हरूल हक़
पूरा नाम मज़हरूल हक़
जन्म 22 दिसम्बर, 1866
जन्म भूमि पटना, बिहार
मृत्यु 2 जनवरी, 1930
मृत्यु स्थान पटना, बिहार
नागरिकता भारतीय
आंदोलन असहयोग आन्दोलन, ख़िलाफ़त आन्दोलन, चम्पारण सत्याग्रह, होमरूल लीग आन्दोलन
संबंधित लेख महात्मा गांधी
अन्य जानकारी मज़हरूल हक़ ने 1917 के महात्मा गांधी के चम्पारण सत्याग्रह में भाग लिया। हक़ ने असहयोग आन्दोलन एवं ख़िलाफ़त आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभायी।
अद्यतन‎ 04:31, 06 अप्रैल-2017 (IST)

मौलाना मज़हरूल हक़ (अंग्रेज़ी: Maulana Mazharul Haque, जन्म- 22 दिसम्बर, 1866, पटना, बिहार; मृत्यु- 2 जनवरी, 1930) भारत के सुप्रसिद्ध राष्ट्रभक्त एवं क्रांतिकारी थे। बिहार में सन 1916 के होमरूल आन्दोलन के वे मुख्य आयोजक थे।[1]

परिचय

मज़हरूल हक़ बिहार में पटना जिले के बहपुरा नामक स्थान पर 22 दिसम्बर, 1866 में पैदा हुए थे। वे एक समुद्ध जमींदार परिवार से थे। उन्होंने 1886 में पटना काजिस्टे स्कूल से दसवीं की परीक्षा की और सन 1887 में उन्हें कानून की पढ़ाई के लिए इंग्लैण्ड भेज दिया गया। मज़हरूल हक़ को 1891 में वकालत के लिए बुला लिया गया। कानून में डिग्री प्राप्त करने के उपरान्त वे भारत वापिस लौट आए। मज़हरूल हक़ ने न्यायिक अधिकारी के रूप में कुछ वर्षों तक नौकरी की तथा चम्पारण से अपनी वकालत शुरू कर दी।

सार्वजनिक जीवन की शुरूआत

हक़ ने बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की। पृथक प्रान्त के रूप में उन्होंने बिहार संविधान की वकालत की हक़ पृथक निर्वाचन के विरोधी थे। बिहार में सन 1916 के होमरूल आन्दोलन के वे मुख्य आयोजक थे।

आंदोलनों में योगदान

मज़हरूल हक़ ने 1917 के महात्मा गांधी के चम्पारण सत्याग्रह में भाग लिया। हक़ ने असहयोग आन्दोलन एवं ख़िलाफ़त आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभायी और इतना ही नहीं वे सुल्तान से तुर्की मिलने गये। वे साम्प्रदायिक समन्वय के तीव्र हिमायती थे। हक़ ने दिघा में सदाक्त आश्रम की नींव रखी जिसका बिहार में कांग्रेस के मुख्यालय के रूप में प्रयोग किया गया। उन्होंने मदरलैण्ड की नींव रखी जिसमें स्वतंत्रता आन्दोलन की चार विचारधाराओं को स्थापित किया गया।

मृत्यु

मज़हरूल हक़ ने अपने जीवन के अन्तिम दिनों में सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया तथा 2 जनवरी, 1930 को उनका देहान्त हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मज़हरूल हक़ कविशेर (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 6 अप्रैल, 2017।

संबंधित लेख

  1. REDIRECTसाँचा:स्वतन्त्रता सेनानी


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः