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- ...में सर्वप्रथम कंदुकूरी वीरेशलिंगम ने ब्रह्म समाज की स्थापना की। उन्होंने [[1887]] में राजमंड्री में ‘ब्रह्मो22 KB (121 words) - 07:58, 7 November 2017
- 18 KB (54 words) - 05:19, 12 January 2018
- ...ोंने बिहारी भाषाओं का अध्ययन किया और 'बिहारी भाषाओं के सात व्याकरण 1883 से 1887 ई. तक प्रकाशित किये।25 KB (225 words) - 08:26, 26 January 2023
- 1887 में मोहनदास ने जैसे-तैसे 'बंब23 KB (261 words) - 06:18, 27 June 2021
- 21 KB (88 words) - 07:44, 18 April 2018
- सन [[1887]] में स्थापित पूरब का ऑक्सफोर ...ल हॉल में<ref>तब अवध व उत्तर प्रदेश प्रांत विधानपरिषद</ref> [[8 जनवरी]], [[1887]] को आयोजित किया गया था।41 KB (126 words) - 09:27, 11 May 2018
- |जन्म=[[22 दिसम्बर]], [[1887]] ...[[तमिल भाषा|तमिल]]: ஸ்ரீனிவாஸ ராமானுஜன் ஐயங்கார், जन्म: [[22 दिसम्बर]], [[1887]]; मृत्यु: [[26 अप्रैल]], [[1920]]) महान्62 KB (131 words) - 05:33, 4 February 2021
- 33 KB (121 words) - 08:25, 10 February 2021
- ...। इनका परिवार [[जाट]] पृष्ठभूमि वाला था। इनके पुरखे महाराजा नाहर सिंह ने [[1887]] की [[1857 का स्वतंत्रता संग्राम34 KB (65 words) - 08:40, 17 April 2024
- 28 KB (109 words) - 14:08, 9 May 2021
- एफ.एम. राउल्ट ने 1887 ई. में, लगभग तनु विलयन में, वाष34 KB (528 words) - 12:30, 25 October 2017
- ...्ञान के प्रवर्तकों में बोआज (1858-1942), सैपीर (1884-1939) तथा ब्लूमफील्ड (1887-1949) के नाम आते हैं। इनमें पहले67 KB (293 words) - 07:46, 7 November 2017
- 48 KB (301 words) - 10:12, 28 December 2017
- 40 KB (172 words) - 07:55, 6 February 2021
- 62 KB (311 words) - 13:57, 9 May 2021
- 83 KB (168 words) - 11:46, 9 February 2021
- | कन्हैयालाल मुंशी (जन्म- [[29 दिसंबर]], [[1887]]; मृत्यु- [[8 फरवरी]], [[1971]]) जिनका प110 KB (664 words) - 09:57, 7 February 2024