आहे सधि आहे सखि -विद्यापति

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:46, 31 January 2013 by आरिफ़ बेग (talk | contribs) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Vidyapati.jpg |च...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
आहे सधि आहे सखि -विद्यापति
कवि विद्यापति
जन्म सन् 1350 से 1374 के मध्य
जन्म स्थान बिसपी गाँव, मधुबनी ज़िला, बिहार
मृत्यु सन् 1440 से 1448 के मध्य
मृत्यु स्थान मगहर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ कीर्तिलता, मणिमंजरा नाटिका, गंगावाक्यावली, भूपरिक्रमा आदि
भाषा संस्कृत, अवहट्ट और मैथिली
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
विद्यापति की रचनाएँ

आहे सधि आहे सखि लय जनि जाह।
हम अति बालिक आकुल नाह।।
गोट-गोट सखि सब गेलि बहराय।
ब केबाड पहु देलन्हि लगाय।।
ताहि अवसर कर धयलनि कंत।
चीर सम्हारइत जिब भेल अंत।।
नहि नहि करिअ नयन ढर नीर।
कांच कमल भमरा झिकझोर।।
जइसे डगमग नलिनिक नीर।
तइसे डगमग धनिक सरीर।।
भन विद्यापति सुनु कविराज।
आगि जारि पुनि आमिक लाज।।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः