पाँचवीं लोकसभा (1971)

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श्रीमती इंदिरा गांधी ने वर्ष 1971 के लोकसभा चुनावों में अपनी कांग्रेस पार्टी भारी मतों से विजय दिलवाई। गरीबी हटाओ के चुनावी नारे के साथ प्रचार करते हुए इंदिरा गांधी 352 सीटों के साथ संसद में वापस आयीं।

सन 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान इंदिरा गांधी ने एक साहसिक निर्णय लिया, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश मुक्त हो गया। दिसम्बर, 1971 में भारत की जीत का सभी भारतीयों द्वारा स्वागत किया गया, क्योंकि यह जीत चीन और संयुक्त राज्य अमेरीका से राजनयिक विरोधों का सामना करते हुए प्राप्त हुई थी। उस समय तत्कालीन सोवियत संघ और पूर्वी ब्लॉक के देशों को छोड़कर शायद ही किसी अन्य देश ने भारत का अंतरराष्ट्रीय समर्थन किया था। लेकिन अब भी इंदिरा गांधी और कांग्रेस दोनों के समक्ष कुछ अन्य समस्याएँ थीं। भारत-पाक युद्ध में आयी भारी आर्थिक लागत, दुनिया में तेल की कीमतों में वृद्धि और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट ने आर्थिक कठिनाइयों को बढ़ा दिया था।

आपातकाल

12 जून, 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चुनावी भ्रष्टाचार के आधार पर 1971 के चुनाव को अवैध ठहराया। इंदिरा गांधी ने इस्तीफे के बजाय देश में आपातकाल की घोषणा की और पूरे विपक्ष को जेल में डाल दिया। देश में लागू आपातकाल मार्च, 1977 तक चला।


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