आठवीं लोकसभा (1984)

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आठवीं लोकसभा चुनावों की घोषणा नवम्बर, 1984 में की गई। चुनाव प्रचार के दौरान इंदिरा गांधी के पुत्र राजीव गांधी ने देश की जनता को अपने परिवार के योगदान की याद दिलाई और स्वयं को एक सुधारक के रूप में प्रस्तुत किया।

कांग्रेस की बड़ी जीत

31 अक्टूबर, 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या ने कांग्रेस के लिए सहानुभूति का कार्य किया। इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद लोकसभा को भंग कर दिया गया था और राजीव गांधी ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। नवम्बर, 1984 के लिए चुनाव की घोषणा कर दी गई। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत हासिल की। उसने 409 लोकसभा सीटें और लोकप्रिय मतों का 50 फीसदी अपने नाम किया। यह पार्टी का अब तक का शानदार और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।

तेलुगूदेशम पार्टी 30 सीटों के साथ संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। यह भारतीय संसद के इतिहास के उन दुर्लभ रिकार्डों में एक था, जिसमें कोई क्षेत्रीय पार्टी मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी थीं।


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