राम निवास मिर्धा

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thumb|200px|राम निवास मिर्धा राम निवास मिर्धा (अंग्रेज़ी: Ram Niwas Mirdha, जन्म- 24 अगस्त, 1924; मृत्यु- 29 जनवरी, 2010) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे। वह 30 मार्च, 1977 से 4 अप्रॅल, 1980 तक राज्य सभा के उपसभापति रहे।

  • राम निवास मिर्धा का जन्म मूल रूप से नागौर जिले के कुचेरा गांव निवासी जाने-माने किसान नेता बलदेव राम मिर्धा के घर 24 अगस्त, 1924 को बाड़मेर के जसोल गांव में हुआ था। पिता बलदेव राम वहाँ पुलिस अधिकारी थे
  • राम निवास मिर्धा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय और जिनेवा-स्विट्जरलैंड के ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में एम.ए. व एल.एल.बी. की उच्च शिक्षा हासिल की थी।
  • उन्होंने अपना कैरियर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में शुरू किया, किन्तु जल्द ही इस्तीफा देकर सक्रिय राजनीति में आ गए।
  • वह 1953 से 1967 तक राजस्थान विधान सभा में विधायक और 1957 से 1967 तक विधानसभा अध्यक्ष भी रहे।
  • सन 1970 और 1980 के दशक में राम निवास मिर्धा भारत सरकार में विभिन्न विभागों के केन्द्रीय मंत्री रहे।
  • राम निवास मिर्धा विलक्षण प्रतिभा व व्यक्तित्व के धनी थे। उनकी गिनती सिद्धांतवादी राजनीतिज्ञों, चिंतकों, दार्शनिकों के रूप में होती है।
  • एक किसान परिवार में जन्म लेने के बाद ईमानदारी व कर्मठता के दम पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ तक अपने बौद्धिक, राजनीतिक व प्रशासनिक कौशल का लोहा मनवाया।
  • उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि ये मानी जाती है कि अनेकानेक उच्च पदों पर रहते हुए भी वे सौम्य व शांत स्वभाव के बने रहे और उनका पूरा जीवन निष्कलंक रहा।
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