परती परिकथा -फणीश्वरनाथ रेणु

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:45, 25 March 2013 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''परती परिकथा''' भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार [[फणीश्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

परती परिकथा भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु का प्रसिद्ध उपन्यास है। अपने एक और प्रसिद्ध उपन्यास "मैला आंचल" में रेणु ने जिन नई राजनीतिक ताकतों का उभार दिखाते हुए सत्तांध चरित्रों के नैतिक पतन का खाका खींचा था, वह प्रक्रिया 'परती परिकथा' उपन्यास में पूर्ण होती है। उपन्यास 'परती परिकथा' का नायक 'जित्तन' परती जमीन को खेती लायक बनाने के लिए कुत्सित राजनीति का अनुभव लेकर और साथ ही उसका शिकार होकर परानपुर लौटता है। परानपुर का राजनीतिक परिदृश्य राष्ट्रीय राजनीति का लघु संस्करण है।

लेखक के संबंध में

साहित्य की तकरीबन हर विधा में अपनी लेखनी का लोहा मनवाने वाले उपन्यासकार फणीश्वरनाथ रेणु समकालीन ग्रामीण भारत की आवाज़ को उठाने तथा सामाजिक स्थितियों को कथा के माध्यम से चित्रित करने के लिए पहचाने जाते हैं। 'पद्मश्री' से सम्मानित महान लेखक रेणु जी का जन्म बिहार के तत्कालीन पूर्णिया ज़िले के फारबिसगंज के निकट एक गाँव में[1] 4 मार्च, 1921 को हुआ था। नेपाल से उन्होंने दसवीं की परीक्षा पास की थी। 'बिहार विश्वविद्यालय' के 'लक्ष्मी नारायण दुबे महाविद्यालय' के अंग्रेज़ी विभाग के अवकाश प्राप्त विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ लेखक एस.के. प्रसून के अनुसार रेणु ने "मैला आंचल" के माध्यम से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के वंचितों और पिछड़ों की पीड़ा को उकेरा। रेणु ने 1942 के 'स्वतंत्रता संग्राम' में हिस्सा लिया और 1950 के करीब उन्होंने नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना के संघर्ष में भी हिस्सा लिया था। "काशी हिंदू विश्विविद्यालय" से शिक्षा ग्रहण करने वाले फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी "मारे गए गुलफ़ाम" पर "तीसरी कसम" नामक एक फ़िल्म भी बन चुकी है, जो ग्रामीण पृष्ठभूमि का अत्यंत बारीकी से किया गया भावनात्मक चित्रण है। फणीश्वरनाथ रेणु प्रेमचंद युग के बाद आधुनिक हिन्दी साहित्य में सर्वाधिक सफल और प्रभावी लेखकों में से हैं।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अब अररिया ज़िले में
  2. ग्रामीण परिवेश से परिचित कराते थे- रेणु (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 25 मार्च, 2013।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः