महाकुल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:51, 13 April 2018 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''महाकुल''' पाणिनिकालीन भारतवर्ष में प्रतिष्ठित और...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

महाकुल पाणिनिकालीन भारतवर्ष में प्रतिष्ठित और यशस्वी कुल को कहा जाता था। समाज में उनका स्थान बहुत ऊंचा माना जाता था।

विदुर ने उत्तर दिया- 'तप, दम, ब्रह्मज्ञान, यज्ञ, पुण्यविवाह, सदा अन्न दान और सम्यक आचार ये सात गुण जिनमें हों, वे महाकुल कहलाते हैं।'[1]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 109-110 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः