योगेन्द्र नारायण

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योगेन्द्र नारायण (अंग्रेज़ी: Yogendra Narayan, जन्म- 26 जून, 1942, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश) सन 1965 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी हैं। वह उत्तर प्रदेश सरकार में मुख्य सचिव, केंद्र सरकार में रक्षा सचिव और राज्य सभा में महासचिव पद पर रह चुके हैं। योगेन्द्र नारायण 1 सितंबर, 2002 से 14 सितंबर, 2007 तक राज्य सभा के महासचिव रहे। वह अपनी ईमानदार छवि और वक़्त की पाबन्दी के लिये जाने जाते हैं। एक लेखक के रूप में भी उन्होंने पहचान बनाई है। वह अंग्रेज़ी में कई पुस्तकें लिख चुके हैं।

परिचय

26 जून, 1942 को उत्तर प्रदेश के शहर इलाहाबाद में जन्मे योगेन्द्र नारायण ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिकी, रसायन और गणित में बी.एससी. व राजनीति विज्ञान में प्रथम श्रेणी और एम.ए. भी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के उपरान्त भारतीय प्रशासनिक सेवा को अपने कैरियर का माध्यम चुना। उन्होंने पूरी ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के साथ उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे प्रमुख राज्य में विभिन्न पदों पर काम किया। उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा जैसे महत्वपूर्ण शहर को बसाने का दायित्व सौंपा। इसके बाद वे प्रदेश के मुख्य सचिव बनाये गये।

सरकारी सेवा में रहते हुए भी योगेन्द्र नारायण ने अध्ययन का क्रम जारी रखा और डेवलपमेण्ट इकोनॉमिक्स में डिप्लोमा के साथ-साथ एम.फिल. और पीएच.डी. की उपाधियाँ भी अर्जित कीं।

राज्य सभा महासचिव

भारत सरकार के भूतल परिवहन मन्त्रालय में सचिव के रूप में अपनी उल्लेखनीय सेवायें देने के उपरान्त योगेन्द्र नारायण को 'नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इण्डिया' के संस्थापक अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। यूपी कैडर से 1965 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी योगेन्द्र नारायण को अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी सरकार में पहले रक्षा सचिव और उसके बाद राज्य सभा का महासचिव बनाया।

कर्तव्यनिष्ठ

देश की सबसे महत्वपूर्ण ऊर्जा निर्माण प्रतिष्ठान रिलाइंस पॉवर इण्डस्ट्रीज़ ने 31 मार्च, 2010 को योगेन्द्र नारायण को अपनी कम्पनी की ऑडिट कमेटी का सदस्य नियुक्त किया। यह दायित्व भी उन्होंने इस शर्त पर स्वीकार किया था कि वे कम्पनी का एक भी शेयर नहीं खरीदेंगे। चाहे दल-बदल निषेध कानून का मुद्दा हो या प्रशिक्षु आई.ए.एस. दुर्गा शक्ति नागपाल के निलम्बन का मामला अथवा लोकसभा कर्मचारियों के वेतन का मसला, योगेन्द्र नारायण ने अपनी बेवाक राय व्यक्त करने में कभी कोई संकोच नहीं किया। अपने कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तित्व के कारण भी वह पहचाने जाते हैं।

रचनाएँ

योगेन्द्र नारायण ने अंग्रेज़ी भाषा में कुछ पुस्तकें भी लिखी हैं, जैसे-

  1. एबीसी ऑफ पब्लिक रिलेशन्स फॉर सिविल सर्वेण्ट्स
  2. सागा ऑफ सिविल सर्विसेज़
  3. क्लाउड्स एण्ड अदर पोयम्स
  4. राज्य सभा एट वर्क


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