संविधान संशोधन- 88वाँ

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संविधान संशोधन- 88वाँ
विवरण 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है।
संविधान लागू होने की तिथि 26 जनवरी, 1950
88वाँ संशोधन 2003
संबंधित लेख संविधान सभा
अन्य जानकारी 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है।

संविधान (88वाँ संशोधन) अधिनियम, 2003

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • यह संशोधन केंद्र सरकार द्वारा सरकारी बजट में अधिसूचित होने की तारीख से प्रभावी माना जाएगा।
  • संविधान के अनुच्छेद 268 के बाद निम्नलिखित अनुच्छेद जोड़ा जाए:
    • "268 ए (1) सेवाओं पर कर भारत सरकार द्वारा लगाया जाएगा और इन करों का संग्रहण और उपयोग भारत सरकार और राज्यों द्वारा धारा (2) में दिए प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा।"
    • (2) किसी भी वित्तीय वर्ष में धारा (1) में दिए गए प्रावधानों के मुताबिक़ लगाए गए ऐसे किसी भी कर को- (क) भारत सरकार और राज्य एकत्रित करेंगे; (ख) भारत सरकार और राज्यों द्वारा इसका उचित इस्तेमाल किया जाएगा और यह संग्रहण और उपयोग उन सिद्धांतों के आधार पर किया जाएगा जैसा कि संसद के क़ानून के द्वारा निर्धारित किया हो।
  • संविधान के अनुच्छेद 270 की धारा (1) में 'अधिनियम 268 और 269' के स्थान पर 'अधिनियम 268, 268ए और 269' लिखा जाए।
  • संविधान की सातवीं अनुसूची में सूची I-केंद्रीय सूची में 92 बी के बाद '92सी-सेवाओं पर कर' को सूचीबद्ध किया जाए।


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