सागड़ी प्रथा

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सागड़ी प्रथा जिसे 'बंधुआ मजदूर प्रथा' भी कहा जाता था, राजस्थान में प्रचलित थी।

  • इस प्रथा के अनुसार सेठ, साहूकार अथवा पूंजीगत वर्ग के द्वारा उधार दी गई धनराशि के बदले कर्जदार व्यक्ति या उसके परिवार के किसी सदस्य को अपने यहाँ नौकर के रूप में रख लिया जाता था।
  • बंधुआ मजदूरी प्रणाली अधिनियम, 1976 को लागू करके बंधुआ मजदूरी प्रणाली को 25 अक्टूबर, 1985 से सम्पूर्ण देश से ख़त्म कर दिया गया। इस अधिनियम के जरिये बंधुआ मजदूर गुलामी से मुक्त हुए साथ ही उनके कर्ज की भी समाप्ति हुई।
  • गुलामी की इस प्रथा को कानून द्वारा एक संज्ञेय दंडनीय अपराध बनाया गया।


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