अभ्रम्
अभ्रम् [अभ्+अच् या अप्+भृ अपो विभर्ति-भृ+क]
सम.-अवकाशः (पुल्लिंग) बचाव के लिए केवलमात्र बादल, बारिश होना,-अवकाशिक, -अवकाशिन् (विशेषण) बारिश में रहकर (तपस्या करने वाला), बारिश से बचाव का कोई उपाय न करने वाला-उत्यः (पुं.) आकाश में उत्पन्न इन्द्र का वज्र,-नागः (पु.) ऐरावत नाम का हाथी जो धरती को धारण किए हुए है।-पथ (पुल्लिंग) 1. वायुमंडल, गुब्बारा,-पिशाच,पिशाचका (पुल्लिंग) राहु की उपाधि, मेघासुर,-पुष्प एक प्रकार की बेत,-पुष्पम् (नपुं.)
- 1. पानी
- 2. असंभव बात, हवाई किला,-मातंगः (पुल्लिंग) इन्द्र का हाथी ऐरावत,-माला (स्त्रीलिंग),-वृन्दम् (नपुं.) बादलों की पंक्ति या समूह।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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