Difference between revisions of "आजु नाथ एक व्रत -विद्यापति"
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सदा सोच मोहि होत कवन विधि बांचव हे । | सदा सोच मोहि होत कवन विधि बांचव हे । | ||
जे जे सोच मोहि होत कहा समुझाएव हे । | जे जे सोच मोहि होत कहा समुझाएव हे । | ||
− | रउरा | + | रउरा जगत् के नाथ कवन सोच लागएव हे । |
नाग ससरि भूमि खसत पुहुमि लोटायत हे । | नाग ससरि भूमि खसत पुहुमि लोटायत हे । | ||
कार्तिक पोसल मजूर सेहो धरि खायत हे । | कार्तिक पोसल मजूर सेहो धरि खायत हे । |
Latest revision as of 13:49, 30 June 2017
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aju nath ek vrat mohi sukh lagat he . |
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tika tippani aur sandarbh
bahari k diyaan
sanbandhit lekh