Difference between revisions of "कवष"
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− | #कवष एक [[ऋषि]] का नाम जो इलूष के पुत्र थे, कवष एक दासी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। कवष के बनाये मंत्र [[ऋग्वेद]] के दसवें मण्डल में मिलते हैं। ऐतरेयब्राह्मण के लेखों के अनुसार सारस्वत प्रदेश में एक यज्ञ हो रहा था। कवष ने ऋषियों की पंक्ति में बैठकर भोजन-पानी करना चाहा, पर ऋषियों ने दासी-पुत्र कहकर इनका बहिष्कार किया। तदुपरांत इन्होंने बहुत से मंत्र रचकर देवताओं को प्रसन्न किया तब ऋषियों ने भी भेदभाव दूरकर उन्हें अपनी पंक्ति में सम्मिलित कर लिया<ref>ऐ.ब्रा.2.29. | + | #कवष एक [[ऋषि]] का नाम जो इलूष के पुत्र थे, कवष एक दासी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। कवष के बनाये मंत्र [[ऋग्वेद]] के दसवें मण्डल में मिलते हैं। ऐतरेयब्राह्मण के लेखों के अनुसार सारस्वत प्रदेश में एक यज्ञ हो रहा था। कवष ने ऋषियों की पंक्ति में बैठकर भोजन-पानी करना चाहा, पर ऋषियों ने दासी-पुत्र कहकर इनका बहिष्कार किया। तदुपरांत इन्होंने बहुत से मंत्र रचकर देवताओं को प्रसन्न किया तब ऋषियों ने भी भेदभाव दूरकर उन्हें अपनी पंक्ति में सम्मिलित कर लिया<ref>ऐ.ब्रा.2.29.</ref>। |
− | #एक ऋषि जो तुरके पिता थे। यह [[युधिष्ठिर]] [[यज्ञ]] में आमंत्रित थे और प्रायोपवेश के समय [[परीक्षित]] से मिलने गये थे<ref>[[भागवत पुराण]] 9.22.37;10.74.7;1.19.10 | + | #एक ऋषि जो तुरके पिता थे। यह [[युधिष्ठिर]] [[यज्ञ]] में आमंत्रित थे और प्रायोपवेश के समय [[परीक्षित]] से मिलने गये थे<ref>[[भागवत पुराण]] 9.22.37;10.74.7;1.19.10</ref>। |
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Revision as of 12:43, 27 July 2011
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- kavash ek rrishi ka nam jo iloosh ke putr the, kavash ek dasi ke garbh se utpann hue the. kavash ke banaye mantr rrigved ke dasavean mandal mean milate haian. aitareyabrahman ke lekhoan ke anusar sarasvat pradesh mean ek yajn ho raha tha. kavash ne rrishiyoan ki pankti mean baithakar bhojan-pani karana chaha, par rrishiyoan ne dasi-putr kahakar inaka bahishkar kiya. taduparaant inhoanne bahut se mantr rachakar devataoan ko prasann kiya tab rrishiyoan ne bhi bhedabhav doorakar unhean apani pankti mean sammilit kar liya[1].
- ek rrishi jo turake pita the. yah yudhishthir yajn mean amantrit the aur prayopavesh ke samay parikshit se milane gaye the[2].
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tika tippani aur sandarbh
- ↑ ai.bra.2.29.
- ↑ bhagavat puran 9.22.37;10.74.7;1.19.10