Difference between revisions of "विल्हण"

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'''विल्हण''' [[कल्याणी कर्नाटक|कल्याणी]] के [[चालुक्य वंश|चालुक्य वंशीय]] शासक [[विक्रमादित्य षष्ठ]] (1070-1126) की राजसभा में थे। उनकी सुप्रसिद्ध रचना 'विक्रमांकदेवचरित' है।
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'''विल्हण''' [[कल्याणी कर्नाटक|कल्याणी]] के [[चालुक्य वंश|चालुक्य वंशीय]] शासक [[विक्रमादित्य षष्ठ]] (1070-1126) की राजसभा में थे। उनकी सुप्रसिद्ध रचना '[[विक्रमांकदेवचरित]]' है।
  
 
*विल्हण ने 'विक्रमांकदेवचरित' में अपने आश्रयदाता सम्राट का जीवन चरित अत्यंत सरस ढंग से प्रस्तुत किया है। उनका विवरण पूर्णत: [[इतिहास]] संगत है।
 
*विल्हण ने 'विक्रमांकदेवचरित' में अपने आश्रयदाता सम्राट का जीवन चरित अत्यंत सरस ढंग से प्रस्तुत किया है। उनका विवरण पूर्णत: [[इतिहास]] संगत है।
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*उच्च कोटि की विलक्षण कल्पना शक्ति विल्हण में थी तथा उसी के अनुरूप उन्होंनें वर्णन प्रस्तुत किया है।
 
*उच्च कोटि की विलक्षण कल्पना शक्ति विल्हण में थी तथा उसी के अनुरूप उन्होंनें वर्णन प्रस्तुत किया है।
 
*विक्रमादित्य षष्ठ के राजकवि विल्हण ने अपने 'विक्रमांकदेवचरित' में कल्याणी की प्रशंसा के गीत गाए हैं और उसे संसार की सर्वश्रेष्ठ नगरी बताया है।
 
*विक्रमादित्य षष्ठ के राजकवि विल्हण ने अपने 'विक्रमांकदेवचरित' में कल्याणी की प्रशंसा के गीत गाए हैं और उसे संसार की सर्वश्रेष्ठ नगरी बताया है।
*[[कुलोत्तुंग प्रथम]] के द्वारा [[विक्रमादित्य षष्ठ]] को पराजय का सामना करना पड़ा था, इसका उल्लेख भी विल्हण के 'विक्रमांकदेवचरित' से मिलता है।
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*[[कुलोत्तुंग प्रथम]] के द्वारा [[विक्रमादित्य षष्ठ]] को पराजय का सामना करना पड़ा था, इसका उल्लेख भी विल्हण के '[[विक्रमांकदेवचरित]]' से मिलता है।
  
 
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Revision as of 06:33, 24 October 2012

vilhan kalyani ke chaluky vanshiy shasak vikramadity shashth (1070-1126) ki rajasabha mean the. unaki suprasiddh rachana 'vikramaankadevacharit' hai.

  • vilhan ne 'vikramaankadevacharit' mean apane ashrayadata samrat ka jivan charit atyant saras dhang se prastut kiya hai. unaka vivaran poornat: itihas sangat hai.
  • 'vikramaankadevacharit' ki bhasha pranjal tatha spasht hai evan shaili vaidarbhi hai.
  • uchch koti ki vilakshan kalpana shakti vilhan mean thi tatha usi ke anuroop unhoannean varnan prastut kiya hai.
  • vikramadity shashth ke rajakavi vilhan ne apane 'vikramaankadevacharit' mean kalyani ki prashansa ke git gae haian aur use sansar ki sarvashreshth nagari bataya hai.
  • kulottuang pratham ke dvara vikramadity shashth ko parajay ka samana karana p da tha, isaka ullekh bhi vilhan ke 'vikramaankadevacharit' se milata hai.


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

sanbandhit lekh