Difference between revisions of "अवध"

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*नवीं शताब्दी में गुर्जर-प्रतिहारों ने इसे अपने साम्राज्य में मिला लिया ।
 
*नवीं शताब्दी में गुर्जर-प्रतिहारों ने इसे अपने साम्राज्य में मिला लिया ।
 
*सन 1192 में शहाबुद्दीन मुहम्मद ग़ोरी के एक सहायक ने अवध को जीता तो उसके बाद मुसलमान अमीरों का यहाँ बसना आरंभ हो गया ।  
 
*सन 1192 में शहाबुद्दीन मुहम्मद ग़ोरी के एक सहायक ने अवध को जीता तो उसके बाद मुसलमान अमीरों का यहाँ बसना आरंभ हो गया ।  
*मुहम्म्द तुगलक के शासन काल में सबसे अधिक व्यक्ति आये । 1340 ई॰ में अवध को [[दिल्ली]] के शासन का अंग बना लिया और यह स्थिति 1724 ई॰ तक रही । इस वर्ष अवध के मुग़ल सूबेदार सआदत खां ने अपने को दिल्ली से स्वतंत्र करके अवध के नवाब वंश की नींव डाली । तीन पीढ़ियों तक शासन करने के बाद इस वंश का अन्तिम नवाब [[शुजाउद्दौला]] 1764 ई॰ में अंग्रेजों से हार गया । इसके बाद नवाबों की शक्ति घटती गई और ईस्ट इंडिया कंपनी का पंजा कसता गया अंतिम नवाब वाजिद अली शाह को अंग्रेजों ने 1856 ई॰ में  कुशासन का अभियोग लगाकर अवध की गद्दी से उतार दिया और यह भाग ब्रिटिश भारत का अंग बन गया ।  
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*मुहम्म्द तुगलक के शासन काल में सबसे अधिक व्यक्ति आये । 1340 ई. में अवध को [[दिल्ली]] के शासन का अंग बना लिया और यह स्थिति 1724 ई. तक रही । इस वर्ष अवध के मुग़ल सूबेदार सआदत खां ने अपने को दिल्ली से स्वतंत्र करके अवध के नवाब वंश की नींव डाली । तीन पीढ़ियों तक शासन करने के बाद इस वंश का अन्तिम नवाब [[शुजाउद्दौला]] 1764 ई. में अंग्रेजों से हार गया । इसके बाद नवाबों की शक्ति घटती गई और ईस्ट इंडिया कंपनी का पंजा कसता गया अंतिम नवाब वाजिद अली शाह को अंग्रेजों ने 1856 ई. में  कुशासन का अभियोग लगाकर अवध की गद्दी से उतार दिया और यह भाग ब्रिटिश भारत का अंग बन गया ।  
*1902 ई॰ में [[आगरा]] और अवध को मिलाकर ‘संयुक्त प्रांत आगरा व अवध’ बनाया गया । भारत के स्वतंत्र होने पर इस प्रांत का नाम [[उत्तर प्रदेश]] पड़ा ।  
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*1902 ई. में [[आगरा]] और अवध को मिलाकर ‘संयुक्त प्रांत आगरा व अवध’ बनाया गया । भारत के स्वतंत्र होने पर इस प्रांत का नाम [[उत्तर प्रदेश]] पड़ा ।  
 
*अवध के नवाबों के शासनकाल में यहाँ मुस्लिम संस्कृति का पर्याप्त प्रसार हुआ । उन्होंने अनेक  मस्जिदों और भवनों का निर्माण किया जो आज भी राजधानी लखनऊ तथा अन्य निकटवर्ती नगरों का आकर्षण है ।   
 
*अवध के नवाबों के शासनकाल में यहाँ मुस्लिम संस्कृति का पर्याप्त प्रसार हुआ । उन्होंने अनेक  मस्जिदों और भवनों का निर्माण किया जो आज भी राजधानी लखनऊ तथा अन्य निकटवर्ती नगरों का आकर्षण है ।   
  

Revision as of 08:28, 25 August 2010

  • avadh shabd ayodhya se nikala hai . uttar pradesh ka yah bhag koshal kahalata tha . dasharath yahaan ke raja the aur ayodhya unaki rajadhani thi .
  • itihas mean uttar bharat ke jin solah janapadoan ka ullekh hai, unamean yah bhi tha aur shravasti isaki rajadhani thi . bad mean isako jitakar nandoan aur moryoan ne magadh rajy ka aang bana liya .
  • chauthi shatabdi mean avadh gupt samrajy ka aur satavian mean harshavardhan ke samrajy ka aang tha .
  • navian shatabdi mean gurjar-pratiharoan ne ise apane samrajy mean mila liya .
  • san 1192 mean shahabuddin muhammad gori ke ek sahayak ne avadh ko jita to usake bad musalaman amiroan ka yahaan basana aranbh ho gaya .
  • muhammd tugalak ke shasan kal mean sabase adhik vyakti aye . 1340 ee. mean avadh ko dilli ke shasan ka aang bana liya aur yah sthiti 1724 ee. tak rahi . is varsh avadh ke mugal soobedar sadat khaan ne apane ko dilli se svatantr karake avadh ke navab vansh ki nianv dali . tin pidhiyoan tak shasan karane ke bad is vansh ka antim navab shujauddaula 1764 ee. mean aangrejoan se har gaya . isake bad navaboan ki shakti ghatati gee aur eest iandiya kanpani ka panja kasata gaya aantim navab vajid ali shah ko aangrejoan ne 1856 ee. mean kushasan ka abhiyog lagakar avadh ki gaddi se utar diya aur yah bhag british bharat ka aang ban gaya .
  • 1902 ee. mean agara aur avadh ko milakar ‘sanyukt praant agara v avadh’ banaya gaya . bharat ke svatantr hone par is praant ka nam uttar pradesh p da .
  • avadh ke navaboan ke shasanakal mean yahaan muslim sanskriti ka paryapt prasar hua . unhoanne anek masjidoan aur bhavanoan ka nirman kiya jo aj bhi rajadhani lakhanoo tatha any nikatavarti nagaroan ka akarshan hai .