अंगस्पर्श - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत अङ्गस्पर्श)[1]
दाह कर्म करने वाले का अशौच के चौथे दिन अस्थि संचयन के बाद दूसरों के द्वारा छूने के योग्य होना[2]।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 08 |
- ↑ अन्य कोश
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